Hyderabad News: छात्रों के परिजनों को बड़ी राहत, प्राइवेट स्कूल से यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी खरीदना जरूरी नहीं
Hyderabad News: प्राइवेट स्कूल अपने छात्रों के माता-पिता को यूनिफॉर्म, जूते, बेल्ट, आदि सीधे स्कूल से या स्कूल परिसर के अंदर से खरीदने के लिए
School holiday 2025: Holiday declared, image source: ibc24 file
हैदराबाद: Hyderabad News: प्राइवेट स्कूलों में छात्रों के माता-पिता को यूनिफॉर्म, जूते, बेल्ट, आदि सीधे स्कूल से या स्कूल परिसर के अंदर से खरीदने के लिए कहा जाता है। स्कूल प्रबंधन द्वारा इन सब चीजों के लिए मोती रकम भी वसूली जाती है। इन्ही सब को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नया नियम बनाया है। इस ने नियम के लागू होने से छात्रों के परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
दरअसल, अब हैदराबाद के प्राइवेट स्कूल (राज्य, CBSE, ICSE) अपने छात्रों के माता-पिता को यूनिफॉर्म, जूते, बेल्ट, आदि सीधे स्कूल से या स्कूल परिसर के अंदर से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। नए नियमों के मुताबिक, स्कूलों को अब ये सभी सामान माता-पिता को स्वतंत्र रूप से बाजार से खरीदने की अनुमति देनी होगी. स्कूल परिसर में केवल किताबें और स्टेशनरी की बिक्री की जा सकती है, लेकिन यह “नॉन-प्रॉफिट, ब्रेक-ईवन” आधार पर की जाएगी. यानी स्कूल इस पर कोई मुनाफा नहीं कमाएंगे।
इस कदम से माता-पिता को स्कूल द्वारा निर्धारित की जाने वाली ऊंची कीमतों पर सामान खरीदने से राहत मिलेगी और उन्हें बाजार में बेहतर विकल्प चुनने का मौका मिलेगा। यह नियम हैदराबाद शहर के प्राइवेट स्कूलों के लिए लागू किया गया है और इसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है।
Private schools (State, CBSE, ICSE) in Hyderabad are prohibited from requiring parents to purchase uniforms, shoes, belts, etc., directly from the school or within school premises.
The sale of books and stationery should be conducted on a non-profit, break-even basis. pic.twitter.com/Ob2Hqixm3E
— TOI Hyderabad (@TOIHyderabad) May 31, 2024
नए नियम के फायदे
माता-पिता को मिली राहत: अब माता-पिता स्कूलों की निर्धारित कीमतों पर सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं होंगे। वे बाजार में विभिन्न विक्रेताओं से किफायती दरों पर सामान खरीद सकते हैं।
किफायती शिक्षा: यह नियम स्कूलों द्वारा शिक्षा में अनावश्यक वित्तीय बोझ डालने को कम करेगा।
अधिक विकल्प: माता-पिता अपने बच्चों के लिए अधिक विकल्प चुन सकते हैं।

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