निकाय चुनाव टालकर संवैधानिक प्रावधानों पर प्रहार कर रही भाजपा सरकार: डोटासरा

निकाय चुनाव टालकर संवैधानिक प्रावधानों पर प्रहार कर रही भाजपा सरकार: डोटासरा

निकाय चुनाव टालकर संवैधानिक प्रावधानों पर प्रहार कर रही भाजपा सरकार: डोटासरा
Modified Date: August 20, 2025 / 05:31 pm IST
Published Date: August 20, 2025 5:31 pm IST

जयपुर, 20 अगस्त (भाषा) कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराए जाने को लेकर बुधवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा और इसे ‘संवैधानिक प्रावधानों’ पर प्रहार करार दिया।

डोटासरा, राजस्थान कांग्रेस के राजीव गांधी पंचायती राज संगठन द्वारा आयोजित “स्वराज बचाओ रैली” को संबोधित कर रहे थे।

संगठन की प्रमुख मांगों में पंचायत व निकाय चुनावों की तत्काल बहाली, मनमाने परिसीमन का विरोध और दो बच्चों का नियम समाप्त करना शामिल है। डोटासरा ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार पंचायत और नगर निकाय चुनाव टालकर संवैधानिक प्रावधानों पर प्रहार एवं न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर रही है।

 ⁠

उन्होंने कहा कि राज्य में करीब एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं जबकि 11 हजार ग्राम पंचायतों और 125 नगर निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ‘एक राज्य, एक चुनाव’ के नाम पर लोगों को भटका रही है, ये लोग सत्ता के दुरुपयोग से स्थानीय सरकारों को पंगु बनाकर तानाशाही राज करना चाहती है।

इससे पहले, डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में भी सरकार को लेकर कटाक्ष किया।

उन्होंने कहा, “राज्य में सरकार ‘पर्ची’ से गठित हुई और अब यह सरकार भी हर निर्णय लेने के लिये केन्द्र से पर्ची आने का इंतजार करती है और स्वविवेक से जनकल्याण के लिए कोई भी निर्णय सरकार द्वारा नहीं किया जाता है।”

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि राजस्थान में भाजपा सरकार समय पर पंचायती राज चुनाव कराने में विफल रही है और युवाओं की आवाज दबाने के लिए छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी गई है।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को केंद्र से पर्याप्त धनराशि नहीं मिल रही, मनरेगा मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं हो रहा और जनहित के अनेक मुद्दों की लगातार अनदेखी हो रही है।

जूली ने कहा कि संविधान से मिली शक्तियों का भाजपा सरकार खुलेआम दुरुपयोग कर रही है।

संगठन की ओर से शहीद स्मारक तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया।

भाषा पृथ्वी जितेंद्र

जितेंद्र


लेखक के बारे में