ग्रामीण भारत की रीढ़ तोड़ने पर तुली है भाजपा सरकार: अशोक गहलोत

ग्रामीण भारत की रीढ़ तोड़ने पर तुली है भाजपा सरकार: अशोक गहलोत

ग्रामीण भारत की रीढ़ तोड़ने पर तुली है भाजपा सरकार: अशोक गहलोत
Modified Date: December 17, 2025 / 09:12 pm IST
Published Date: December 17, 2025 9:12 pm IST

जयपुर, 17 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर बुधवार को एक बार फिर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधा।

गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘विकसित भारत’ का ढोंग कर असल में ग्रामीण भारत की रीढ़ तोड़ने पर तुली है।

गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा,”भाजपा सरकार केवल मनरेगा का नाम और इस परियोजना के तौर-तरीके ही नहीं बदल रही बल्कि ‘विकसित भारत’ का ढोंग कर असल में ग्रामीण भारत की रीढ़ तोड़ने पर तुली है।”

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उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के नाम पर छलावा करने से भाजपा सरकार की नीयत सामने आ रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार,”केंद्र सरकार 100 प्रतिशत वित्तपोषण को 60:40 करके राज्यों पर बोझ डाल रही है, जो इस क्रांतिकारी योजना को बंद करने की एक सोची-समझी साजिश है। इस योजना के वित्तपोषण में कटौती करना यह साबित करता है कि यह सरकार गरीब विरोधी है।”

उन्होंने कहा कि जो योजना दुनिया भर में ‘सामाजिक सुरक्षा’ का मॉडल बनी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उसे ही खत्म कर रही है।

गहलोत के अनुसार,” संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने मनरेगा का कानून बनाकर ‘काम का अधिकार’ दिया था जिसमें कोई भी व्यक्ति काम मांग सकता था एवं काम नहीं मिलने पर वह बेरोजगारी भत्ते का हकदार होता परन्तु ऐसे प्रावधान खत्म कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इसे अधिकार नहीं सरकार का ‘एहसान’ बनाना चाहती है।”

भाषा

पृथ्वी

रवि कांत


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