भाजपा नेता अशोक ने सिद्धरमैया से भगदड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया

भाजपा नेता अशोक ने सिद्धरमैया से भगदड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया

भाजपा नेता अशोक ने सिद्धरमैया से भगदड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया
Modified Date: July 19, 2025 / 07:10 pm IST
Published Date: July 19, 2025 7:10 pm IST

बेंगलुरु, 19 जुलाई (भाषा) भाजपा नेता आर. अशोक ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से आग्रह किया कि वह आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ की जांच सीबीआई को सौंप दें, ताकि घटना के पीछे के असली दोषियों की पहचान हो सके और निर्दोष लोगों को न्याय मिल सके।

राज्य की राजधानी में चार जून को स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 56 अन्य घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई जब रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) टीम की आईपीएल जीत के जश्न में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए थे।

कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता अशोक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि यह “दुखद” घटना, जिसने राज्यव्यापी बहस छेड़ दी है, कर्नाटक में खेलों के इतिहास में एक “काला धब्बा” बन गई है और इस मुद्दे पर पुलिस तथा राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।

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मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि भीड़ प्रबंधन में पुलिस की विफलता के कारण भगदड़ मची। हालांकि, सरकार ने केवल कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है।

भगदड़ के संबंध में, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और विकास कुमार विकास सहित चार अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। बाद में विकास ने राज्य सरकार के पांच जून के निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का रुख किया।

बाद में, न्यायाधिकरण ने विकास के खिलाफ कर्नाटक सरकार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया।

अशोक ने सिद्धरमैया को लिखे अपने पत्र में कहा कि न्यायाधिकरण ने ऐसे ही एक अधिकारी के निलंबन पर सुनवाई के दौरान यह भी राय दी थी कि केवल पुलिस अधिकारियों को ही जवाबदेह ठहराना उचित नहीं है।

भाजपा नेता ने कहा, “सवाल अब भी बना हुआ है कि निर्दोष लोगों की जान लेने वाली इस घटना के असली गुनहगार कौन हैं। राज्य की जनता भी इसी सवाल का जवाब चाह रही है।”

उन्होंने कहा, “इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले को बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए, ताकि घटना के पीछे के असली दोषियों की पहचान हो सके और निर्दोष लोगों को न्याय मिल सके।”

भाषा प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल


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