भाजपा ने जाति आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञ समूह में पिकेटी को शामिल करने पर सवाल उठाए

भाजपा ने जाति आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञ समूह में पिकेटी को शामिल करने पर सवाल उठाए

भाजपा ने जाति आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञ समूह में पिकेटी को शामिल करने पर सवाल उठाए
Modified Date: March 15, 2025 / 09:19 pm IST
Published Date: March 15, 2025 9:19 pm IST

नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) तेलंगाना सरकार के राज्य के जाति सर्वेक्षण का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञ समूह में फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को शामिल करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आलोचना की।

भाजपा ने “संवेदनशील” सामाजिक आंकड़ों के अध्ययन में एक विदेशी को शामिल करने पर सवाल उठाया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को विदेशी विशेषज्ञ की आवश्यकता क्यों है और क्या भारत में सक्षम लोगों की कोई कमी है।

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उन्होंने कहा कि कई भारतीय विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं, तथा उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले 11 सदस्यीय समूह में एक विदेशी को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि धन असमानता का व्यापक अध्ययन करने वाले पिकेटी द्वारा प्रस्तावित मॉडल की विदेश में भारी आलोचना हुई है तथा उनकी कर सिफारिशें वेतनभोगी और मध्यम वर्ग को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस भारतीय अर्थव्यवस्था और अन्य विभिन्न मुद्दों पर विदेशी ताकतों की आलोचना को प्रतिध्वनित करने के लिए उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कांग्रेस से संवेदनशील जाति आंकड़ों के विश्लेषण में एक विदेशी को शामिल करने के अपने निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।

एक अन्य भाजपा नेता जी.वी.एल. नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मूल मान्यता हमेशा से यही रही है कि भारत पर्याप्त रूप से अच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा, “यह (भारत) इतना भी सक्षम नहीं है कि यह स्वयं शासन कर सके, स्वयं की रक्षा कर सके, या स्वयं के लिए सोच सके। और आज, उन्होंने हमारी संवेदनशील जातिगत जनसांख्यिकी को एक विदेशी को आउटसोर्स करके इसे एक बार फिर साबित कर दिया है।”

उन्होंने पूछा, “क्या होगा जब कोई विदेशी हमारे आंकड़ों को वैश्विकतावादी आख्यान के अनुरूप विकृत करेगा? वे भारत के सामाजिक ताने-बाने के बारे में क्या आख्यान गढ़ेंगे? और इससे किसे लाभ होगा?” प्रशांत पवनेश

पवनेश


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