भाजपा, आरएसएस के लोग हिंदू नहीं हैं, सिर्फ हिंदू धर्म का इस्तेमाल करते हैं : राहुल

भाजपा, आरएसएस के लोग हिंदू नहीं हैं, सिर्फ हिंदू धर्म का इस्तेमाल करते हैं : राहुल

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  • Publish Date - September 15, 2021 / 04:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर आरोप लगाया कि ये लोग हिंदू नहीं हैं, ये सिर्फ हिंदू धर्म का इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने कांग्रेस की महिला इकाई ‘अखिल भारतीय महिला कांग्रेस’ के स्थापना दिवस समारोह में यह दावा भी किया कि आरएसएस एवं भाजपा के लोग ‘महिला शक्ति’ को दबा रहे हैं और भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी का उल्लेख करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘लक्ष्मी की शक्ति’ और ‘दुर्गा की शक्ति’ पर आक्रमण किया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे (आरएसएस और भाजपा) अपने आपको हिंदू पार्टी कहते हैं और लक्ष्मी जी और मां दुर्गा पर आक्रमण करते हैं। फिर कहते हैं कि वे हिंदू हैं। ये लोग झूठे हिंदू हैं। ये लोग हिंदू नहीं हैं। ये हिंदू धर्म का इस्तेमाल करते हैं।’’

कांग्रेस नेता के मुताबिक, भाजपा और आरएसएस के लोगों ने पूरे देश में डर फैलाया है, किसान डरे हुए हैं, महिलाएं डरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस महिला शक्ति को दबाता है, लेकिन कांग्रेस का संगठन महिला शक्ति को समान मंच देता है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर पिछले 100-200 साल में किसी एक व्यक्ति ने हिंदू धर्म को सबसे अच्छे तरीके से समझा और अपने व्यवहार में लाया, तो वह महात्मा गांधी हैं। इसे हम भी मानते हैं और आरएससस एवं भाजपा के लोग भी मानते हैं… महात्मा गांधी ने अहिंसा को सबसे अच्छे तरीके से जिया। हिंदू धर्म की बुनियाद अहिंसा है। इसके बावजूद आरएसएस की विचारधारा द्वारा महात्मा गांधी को गोली क्यों मारी गई? इस बारे में आपको सोचना होगा।’’

उन्होंने कहा कि वह आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं कर सकते।

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘‘देश में आरएससस और भाजपा की सरकार है। इनकी विचारधारा और हमारी विचारधारा अलग अलग हैं। कांग्रेस की विचारधारा गांधी की विचारधारा है। गोडसे और सावरकर की विचारधारा और हमारी विचारधारा में क्या फर्क है, इसे हमें समझना होगा… हमें इनके खिलाफ प्रेम से लड़ना है। नफरत के जरिये हम नहीं लड़ सकते।’’

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा