विधानसभा चुनाव में आईएसएफ से कांग्रेस का गठबंधन, भाजपा ने कहा, कांग्रेस का ना कोई ईमान ना विचारधारा | BJP says congress has no faith, no ideology on alliance with ISF in Bengal

विधानसभा चुनाव में आईएसएफ से कांग्रेस का गठबंधन, भाजपा ने कहा, कांग्रेस का ना कोई ईमान ना विचारधारा

विधानसभा चुनाव में आईएसएफ से कांग्रेस का गठबंधन, भाजपा ने कहा, कांग्रेस का ना कोई ईमान ना विचारधारा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : March 2, 2021/9:59 am IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) भाजपा ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दिकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल का न कोई ईमान है और न कोई विचारधारा। भाजपा ने गठबधंन को लेकर कांग्रेस में मचे घमासान पर चुटकी भी ली और कहा कि वह चाहे कितने भी गठबंधन कर ले उसका ‘‘डूब चुका जहाज’’ अब बचने वाला नहीं है।

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का ना ही कोई ईमान है और ना ही विचारधारा बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जाति तथा धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ही उसकी विचारधारा है। पात्रा ने कहा कि आज कांग्रेस अपनी प्रसांगिकता को बनाएं रखने के लिए गठबंधन पर निर्भर है और ठीक ऐसी ही एक गठबंधन की प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी बंगाल में कर रही है।

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उन्होंने कहा, ‘‘जो कांग्रेस अपने को धर्मनरिपेक्ष बताती है, वही कांग्रेस बंगाल में आईएसएफ के साथ गठबंधन करती है। केरल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करती है, जमात-ए-इस्लामी के अग्रिम संगठन के साथ गठबंधन करती है। असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करती है। और महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ मिली हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई ईमान नहीं…कोई विचारधारा नहीं। भ्रष्टाचार ही कांग्रेस की विचारधारा है। परिवारवाद को बढ़ावा देना ही कांग्रेस की विचारधारा है। जातिवाद ही कांग्रेस की विचारधारा है। जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटना और धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ही कांग्रेस की विचारधारा है।’’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने जितने भी गठबंधन किये हैं वो किसी अच्छे प्रदर्शन, अच्छे सुधार और सुशासन के लिए नहीं किए हैं, बल्कि ये गठबंधन केवल इसलिए किये कि किसी प्रकार गांधी परिवार अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाएं रखें।

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उन्होंने कहा कि आईएसफ के साथ गठबंधन करने को लेकर कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है और विपक्षी पार्टी के नेता ही सवाल उठा रहे हैं कि क्या यही महात्मा गांधी वाली धर्मनरिपेक्षता है। पात्रा ने कहा, ‘‘पराकाष्ठा देखिए। बंगाल में वामपंथी दलों के साथ लड़ेंगे और केरल में खिलाफ लड़ेंगे। ये कैसी विडंबना है। इनका उद्देश्य केवल एक है। किसी भी प्रकार, किसी का भी साथ लेकर सत्ता हासिल करना।’’ उन्होंने कहा कि मुसलमानों की भी पार्टी नहीं हैं वह केवल ‘‘घरवालों’’ की पार्टी है।

ज्ञात हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में आईएसएफ के साथ पार्टी के गठजोड़ की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा था कि यह पार्टी की मूल विचारधारा तथा गांधीवादी और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। शर्मा ने कहा कि आईएसएफ जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ ‘‘गठबंधन’’ के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी और उसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अनुमोदित होना चाहिए था।

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भाजपा प्रवक्ता ने शर्मा द्वारा उठाए गए सवालों का जिक्र करते हुए कांग्रेस को सलाह दी कि पहले वह अपने अंदरूनी मामलों को निपटाए और घर के अंदर हो रहे प्रदर्शनों की चिंता करे।