वन्यजीव बोर्ड ने संरक्षित क्षेत्रों में 30 से अधिक रक्षा परियोजनाएं शुरू करने को मंजूरी दी
वन्यजीव बोर्ड ने संरक्षित क्षेत्रों में 30 से अधिक रक्षा परियोजनाएं शुरू करने को मंजूरी दी
नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति ने अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, लद्दाख व सिक्किम में संरक्षित और पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में रक्षा क्षेत्र से संबंधित 32 परियोजनाएं शुरू करने को मंजूरी दी है।
इन परियोजनाओं के तहत सामरिक सड़कें, हेलीपैड, प्रशिक्षण क्षेत्र, आयुध डिपो, सैनिकों और तोपखाना रेजिमेंट के लिए आवास का निर्माण शामिल है। अधिकांश परियोजनाएं लद्दाख के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील काराकोरम और चांगथांग अभयारण्यों में शुरू की जाएंगी।
समिति ने अरुणाचल प्रदेश में, दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के अंदर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की दो प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन दो परियोजनाओं में 56 किलोमीटर लंबी मालिन्ये-बलुआ-कपुडा सड़क (जिसमें 111.29 हेक्टेयर वन भूमि और 9.73 हेक्टेयर इको-सेंसिटिव जोन शामिल है) और 20.88 किलोमीटर लंबी कपुडा-फुफू सड़क (44.13 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है) शामिल है।
एनबीडब्ल्यूएल के सदस्य आर सुकुमार ने मालिन्ये-बलुआ-कपुडा सड़क परियोजना पर चर्चा के दौरान कहा, ‘वर्तमान प्रस्ताव के लिए पशु मार्ग योजना में अभयारण्य में पाए जाने वाले जानवरों के आवागमन को ध्यान में रखा जाना चाहिए।’
गुजरात के नारायण सरोवर वन्यजीव अभयारण्य में दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनके तहत 5.586 हेक्टेयर में सीमा चौकी (बीओपी) संपर्क सड़क का निर्माण और 19.83 हेक्टेयर में रोडसर लक्की में हेलीपैड, आवासीय क्षेत्र व प्रशिक्षण स्थल स्थापित किया जाएगा।
लद्दाख में समिति ने 10 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें से अधिकांश काराकोरम (नुब्रा-शयोक) और चांगथांग शीत मरुस्थल वन्यजीव अभयारण्यों से संबंधित थे।
समिति ने सिक्किम में, गंगटोक जिले में बीआरओ की स्वास्तिक परियोजना के अंतर्गत हॉट मिक्स प्लांट के संचालन के लिए पंगोलखा वन्यजीव अभयारण्य की 0.29 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग को मंजूरी दी।
भाषा जोहेब मनीषा नरेश
नरेश

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