नाक से दिया जाएगा कोवैक्सीन का बूस्टर शॉट, तीसरी खुराक के लिए कितना अंतर है जरुरी, भारत बायोटेक ने बताया उचित समय
Booster shot of vaccine will be given through the nose, how much is the difference for the third dose
Booster shot of vaccine through Nose : नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज पूरे होने के बाद भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने बताया कि दूसरी डोज के छह महीने बाद ही तीसरी डोज दी जानी चाहिए, यही सबसे उचित समय है। साथ ही, उन्होंने नाक से दिए जाने वाले टीके (नेजल वैक्सीन) के महत्व पर भी जोर दिया।
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उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि उनकी कम्पनी ‘जीका’ रोधी टीका बनाने वाली दुनिया की पहली कंपनी है। एल्ला ने एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘कोवैक्सीन’ टीका लगवाना उनका भारतीय विज्ञान में भरोसा दिखाता है।
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दूसरी खुराक के छह महीने बाद ही तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। तीसरी खुराक के लिए यही सबसे उचित समय है। भारत बायोटेक नाक से दिए जाने वाली टीके को ‘बूस्टर’ खुराक के तौर पर लाने का भी विचार कर रही है।
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नेजल वैक्सीन के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि पूरा विश्व ऐसे टीके चाहता है। संक्रमण रोकने का यही एकमात्र तरीका है। हर कोई ‘इम्यूनोलाजी’ का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और सौभाग्य से, भारत बायोटेक ने इसका पता लगा लिया है।
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एल्ला ने कहा कि हम नाक से देने वाला टीका ला रहे हैं। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या कोवैक्सीन की दूसरी खुराक को नाक से दिया जा सकता है, यह रणनीतिक रूप से, वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दूसरी खुराक को यदि आप नाक से देते हैं तो आप संक्रमण को फैलने से रोकते हैं।

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