कलकत्ता उच्च न्याायलय ने दुर्गापूजा पंडालों में ‘सिंदूर खेला’, ‘आरती’, ‘अंजलि’ को अनुमति दी |

कलकत्ता उच्च न्याायलय ने दुर्गापूजा पंडालों में ‘सिंदूर खेला’, ‘आरती’, ‘अंजलि’ को अनुमति दी

कलकत्ता उच्च न्याायलय ने दुर्गापूजा पंडालों में ‘सिंदूर खेला’, ‘आरती’, ‘अंजलि’ को अनुमति दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : October 7, 2021/10:49 pm IST

कोलकाता, सात अक्टूबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोविड-19 स्थिति को देखते हुए दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शकों की संख्या सीमित करने के अपने पहले के आदेशों में संशोधन करते हुए बृहस्पतिवार को पंडालों के अंदर ‘अंजलि’, ‘आरती’, ‘सिंदूर खेला’ जैसी सभी गतिविधियों और विधानों को अनुमति दे दी।

अदालत ने स्पष्ट किया कि यह छूट इसी शर्त पर मान्य है जब पूजा पंडालों के अंदर लोगों की अधिकतम संख्या और अन्य शर्तों का पालन किया जाए, जैसे दोहरा टीकाकरण एवं मास्क पहनना।

उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को संशोधित करते हुए न्यायमूर्ति आई. पी. मुखर्जी और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध राय की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उपर्युक्त शर्तों का पालन करने पर ‘‘सभी गतिविधियां और पूजा की परंपरा जैसे अंजलि, आरती, सिंदूर खेला आदि की पंडाल के अंदर अनुमति होगी।

उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2020 में आदेश दिया था कि छोटे पूजा की स्थिति में प्रतिदिन एक समय में पंडाल के अंदर 15 से अधिक व्यक्ति नहीं होने चाहिए। वहीं बड़े पूजा पंडालों में एक समय में 45 से अधिक व्यक्ति नहीं होने चाहिए।

कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह ही शर्तों की मांग वाली याचिका पर उच्च न्यायालय ने एक अक्टूबर को निर्देश दिया था कि पिछले वर्ष की पाबंदियां इस वर्ष के दुर्गा पूजा त्योहार में भी होनी चाहिए।

आदेश में संशोधन के लिए याचिका बृहस्पतिवार को दायर की गई। अदालत ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार और काफी संख्या में लोगों में दोहरा टीकाकरण को देखते हुए निर्देशों में ‘‘थोड़ी समीक्षा’’ की जरूरत है।

पीठ ने निर्देश दिया कि पंडाल में किसी भी समय लोगों की अधिकतम संख्या अदालत के पूर्व के आदेश के अनुसार ही होगी।

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा

 

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