नकदी बरामदगी मामला: न्यायमूर्ति वर्मा ने न्यायालय से अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया

नकदी बरामदगी मामला: न्यायमूर्ति वर्मा ने न्यायालय से अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया

नकदी बरामदगी मामला: न्यायमूर्ति वर्मा ने न्यायालय से अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया
Modified Date: July 23, 2025 / 11:58 am IST
Published Date: July 23, 2025 11:58 am IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने उच्चतम न्यायालय से बुधवार को अनुरोध किया कि वह आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य ठहराने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करे।

समिति ने उन्हें नकदी बरामदगी मामले में कदाचार का दोषी पाया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्मा की ओर से मामले का उल्लेख किया जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई ने उनसे कहा, ‘‘मुझे एक पीठ का गठन करना होगा।’’

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प्रधान न्यायाधीश गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जे. बागची की पीठ से सिब्बल ने मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्होंने याचिका में कुछ संवैधानिक मुद्दे उठाए हैं।

वर्मा ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा आठ मई को की गई उस सिफारिश को भी रद्द किए जाने का अनुरोध किया, जिसमें संसद से उनके खिलाफ महाभियोग शुरू करने का आग्रह किया गया था।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की समिति ने 10 दिन तक जांच की, 55 गवाहों से पूछताछ की और वर्मा के आधिकारिक आवास पर उस घटनास्थल का दौरा किया जहां 14 मार्च को रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर अचानक आग लग गई थी।

न्यायमूर्ति वर्मा उस समय दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं।

भाषा

सुरभि सिम्मी

सिम्मी


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