सीबीआई ने भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर एम्स-भुवनेश्वर के एक अधिकारी और पांच अन्य पर मामला दर्ज किया

सीबीआई ने भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर एम्स-भुवनेश्वर के एक अधिकारी और पांच अन्य पर मामला दर्ज किया

सीबीआई ने भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर एम्स-भुवनेश्वर के एक अधिकारी और पांच अन्य पर मामला दर्ज किया
Modified Date: August 9, 2025 / 03:39 pm IST
Published Date: August 9, 2025 3:39 pm IST

नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जाली दस्तावेजों के आधार पर समूह ‘बी’ और ‘सी’ के पदों पर भर्ती में कथित भ्रष्टाचार के लिए भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक अधिकारी और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

जांच एजेंसी ने मार्च में दर्ज की गई प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की। प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टया आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी और रिश्वतखोरी का मामला सामने आया था।

अधिकारियों ने बताया कि एम्स-भुवनेश्वर के भर्ती प्रकोष्ठ के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुधीर कुमार प्रधान एवं पांच अन्य लोगों – राजश्री पांडा, संग्राम मिश्रा, साई सागर कर, श्री संबित मिश्रा और श्रुति सागर कर के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।

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सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ‘बॉम्बे इंटेलिजेंस सिक्योरिटी (इंडिया) लिमिटेड (बीआईएस)’ के कर्मचारी श्रुति सागर कर ने अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के लिए एम्स-भुवनेश्वर में स्थायी रोजगार हासिल करने की साजिश रची थी।

एक जुलाई, 2023 को विज्ञापित पदों के लिए जाली शैक्षिक और कार्य अनुभव प्रमाण पत्रों के जरिए भर्ती प्रक्रिया से समझौता किया गया।

आरोप है कि पांडा (श्रुति सागर कर की पत्नी), संग्राम मिश्रा, साई सागर कर और संबित मिश्रा ने ‘श्री कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज (गाजियाबाद)’ द्वारा जारी किये गये जाली शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरियां हासिल की थीं।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि ‘एलाइड हेल्थकेयर काउंसिल ऑफ इंडिया’ से संबद्ध ऐसा कोई कॉलेज या संस्थान उनकी वेबसाइट पर दिए गए पते पर मौजूद नहीं पाया गया।

सीबीआई ने कार्य अनुभव से संबंधित अनियमितताओं का भी पता लगाया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ‘सेनेटरी इंस्पेक्टर’ और ‘मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नीशियन’ जैसे पदों पर उनकी सेवा दर्शाने वाले प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।

अधिकारियों ने बताया कि ये प्रमाण पत्र फर्जी थे और कथित तौर पर श्रुति सागर कर ने आवेदकों और अन्य लोगों के साथ साजिश करके इन्हें बनवाया था।

भाषा

राजकुमार संतोष

संतोष


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