रेलवे के निजीकरण की दिशा में तेजी से बढ़ रही केंद्र सरकार, तेजस के बाद अब 150 ट्रेनों को प्रायवेट हाथों में सौंपने की तैयारी

रेलवे के निजीकरण की दिशा में तेजी से बढ़ रही केंद्र सरकार, तेजस के बाद अब 150 ट्रेनों को प्रायवेट हाथों में सौंपने की तैयारी

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  • Publish Date - October 10, 2019 / 07:18 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश के रेलवे स्टेशनों और रेलों के निजीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाये हैं। देश में पहली प्रायवेट सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तेजस ट्रेक पर उतर चुकी है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों के प्राइवेटाजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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इस खबर की पुष्टि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के एक पत्र से होती है। दरअसल नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कांत ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार यादव को एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है, ‘जैसा कि आप पहले से जानते हैं कि रेल मंत्रालय ने यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए प्रायवेट ट्रेन संचालकों को लाने का फैसला किया है और पहले चरण में 150 ट्रेनों को इसके तहत लेने का विचार किया जा रहा है।’

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50 रेलवे स्टेशनों के निजीकरण के बारे में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कांत ने बताया कि उन्होंने इसे लेकर रेल मंत्री से विस्तार से चर्चा की है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कांत ने कहा कि इन प्रोजेक्ट के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सदस्यों, इंजीनियरिंग रेलवे बोर्ड व सदस्य और ट्रैफिक रेलवे बोर्ड को एक समूह में शामिल होना होगा।