केंद्र को जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज सुननी चाहिये : उमर

केंद्र को जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज सुननी चाहिये : उमर

केंद्र को जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज सुननी चाहिये : उमर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: December 23, 2020 11:45 am IST

श्रीनगर 23 दिसंबर (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को वापस लिये जाने के खिलाफ प्रदेश के लोगों की आवाज को केंद्र सरकार को सुननी चाहिये।

नेशनल कांफ्रेंस मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये अब्दुल्ला ने कहा कि जिला विकास परिषद के चुनावों में लोगों ने पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पएजीडी) का समर्थन कर अपना विचार स्पष्ट कर दिया है।

नेकां नेता ने यह भी कहा कि (डीडीसी) चुनाव परिणाम को देखते हुये उन्हें नहीं लगता कि केंद्र शासित प्रदेश में निकट भविष्य में जल्दी चुनाव कराये जायेंगे ।

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प्रदेश में सात दलों के गठबंधन पीएजीडी ने डीडीसी चुनावों में 276 सीटों में से 110 पर जीत हासिल की है जबकि भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है और पार्टी ने 74 सीटों पर जीत हासिल की है।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर आप वास्तव में यह कहते हैं कि लोकतंत्र की जीत हुयी है , तब आपको लोगों की आवाज सुननी होगी और बहुतायत में जम्मू कश्मीर के लोगों ने कह दिया है कि उन्हें पांच अगस्त 2019 का फैसला मंजूर नहीं है ।’’

केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को वापस ले लिया -जिसके तहत राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था – और प्रदेश को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांट दिया था ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने भी इसे स्वीकार किया है (कि लोकतंत्र की जीत हुयी है)। हमने कब कहा है कि हमें लोकतंत्र में भरोसा नहीं है । यह अलग मसला है कि आपको हम पर भरोसा नहीं है । हम पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि हम अपने अधिकारों के लिये लड़ेंगे लेकिन गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से नहीं । हम राज्य का वातावरण खराब करने के लिये नहीं बल्कि इसे बेहतर बनाने के लिये हैं ।’’

उमर ने कहा कि डीडीसी चुनावों के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा, नेकां को ‘‘ दफन’’ नहीं कर पाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अगला चुनाव बहुत आगे है क्योंकि इन चुनावों में भाजपा की हार हुयी है । मुझे नहीं लगता कि जल्दी ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराये जायेंगे । अगर उन्हें लोकतंत्र में भरोसा होता तो वे विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा चुके होते ।’’

भाषा रंजन रंजन नरेश

नरेश


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