केंद्र व राज्य के संबंध रूस-यूक्रेन की तरह : हेमंत सोरेन |

केंद्र व राज्य के संबंध रूस-यूक्रेन की तरह : हेमंत सोरेन

केंद्र व राज्य के संबंध रूस-यूक्रेन की तरह : हेमंत सोरेन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : May 11, 2022/10:20 pm IST

(नमिता तिवारी)

रांची, 11 मई (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूक्रेन पर रूसी हमले की तुलना ‘लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र द्वारा एजेंसियों के उपयोग’ से करते हुए बुधवार को कहा कि वह किसी दबाव में नहीं झुकेंगे।

लाभ के पद को लेकर विवाद में घिरे सोरेन ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार को उसी तरह करारा जवाब देंगे ‘जैसे यूक्रेन रूसी आक्रमण का जवाब दे रहा है।’’

सोरेन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘केंद्र जिस तरह झारखंड में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए एजेंसियों का उपयोग करके दुष्प्रचार कर रहा है, इसकी तुलना यूक्रेन का सफाया करने के लिए रूसी सैन्य कार्रवाई से की जा सकती है। रूस ने सोचा था कि वह एक या दो दिन में यूक्रेन को झुका सकता है, लेकिन देखिए कि यूक्रेन किस प्रकार जवाब दे रहा है और युद्ध तीन महीने से चल रहा है।’

सोरेन ने जोर दिया कि अगर केंद्र को लगता है कि वह ‘गलत विमर्श’’ बनाकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर कर सकता है, तो यह पूर तरह से गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुकाबला करेंगे… मैं न झुकूंगा और न ही कायरों की तरह भागूंगा।’

मुख्यमंत्री को निर्वाचन आयोग को जवाब देने के लिए कहा गया है कि उन्हें अपने पक्ष में खनन पट्टा दिए जाने को लेकर ‘लाभ का पद’ रखने के लिए क्यों नहीं अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था लेकिन आयोग ने उन्हें 10 दिन का ही समय दिया है।

सोरेन ने कहा, ‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार, झूठे और मनगढ़ंत हैं। खनन पट्टे का मुद्दा पुराना मामला है, जिसे 2007 में मैंने अपने चुनावी हलफनामों में विधिवत घोषित किया था।’ उन्होंने कहा कि भाजपा की नींद अचानक कैसे टूट गई।

कोयला सार्वजनिक उपक्रमों से बकाया राशि को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए सोरेन ने दोहराया कि राज्य आर्थिक संकट से गुजर रहा है और भाजपा नीत केंद्र सरकार ने मामले में चुप्पी साध रखी है और राज्य के लिए बाधाएं खड़ी कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोयला कंपनियों द्वारा 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने से राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं पर असर पड़ रहा है।’’

भाषा अविनाश पवनेश

पवनेश

 

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