छत्तीसगढ़ कोयला शुल्क घोटाले में पूर्व नौकरशाहों समेत आरोपियों को न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी

छत्तीसगढ़ कोयला शुल्क घोटाले में पूर्व नौकरशाहों समेत आरोपियों को न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी

छत्तीसगढ़ कोयला शुल्क घोटाले में पूर्व नौकरशाहों समेत आरोपियों को न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी
Modified Date: May 29, 2025 / 10:33 pm IST
Published Date: May 29, 2025 10:33 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पूर्व नौकरशाह रानू साहू और सौम्या चौरसिया सहित छत्तीसगढ़ कोयला शुल्क घोटाले के चार आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने आरोपियों पर कई शर्तें लगाते हुए राज्य सरकार से गवाहों में भरोसा पैदा करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, बशर्ते वे निचली अदालत की संतुष्टि के लिए जमानती बॉण्ड प्रस्तुत करें।’’

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इसने कहा कि आरोपी रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया को निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे, सिवाय इसके कि वे आवश्यकता पड़ने पर जांच एजेंसी या निचली अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

पीठ ने उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया, ‘‘उन्हें (आरोपियों को) रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर उस थाने को अपने निवास का पता देने का निर्देश दिया जाता है, जिसके क्षेत्राधिकार में वह छत्तीसगढ़ के बाहर रह रहे हैं।’’

छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि ये सभी हाई-प्रोफाइल आरोपी कई घोटालों में शामिल हैं।

उन्होंने पीठ से सख्त शर्तें लगाने का आग्रह किया, ताकि उनके खिलाफ मुकदमा प्रभावित न हो।

पीठ ने आदेश दिया, ‘‘यदि याचिकाकर्ता गवाहों से संपर्क करने या उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश करते पाए जाते हैं, तो इसे अंतरिम जमानत की रियायत का दुरुपयोग माना जाएगा।’’

पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद निचली अदालत/विशेष अदालत में अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया जाता है।’

इसने यह भी कहा कि अंतरिम जमानत पाने वाले सभी आरोपी जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।

इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है।

चौरसिया छत्तीसगढ़ कैडर की सिविल सेवक हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में उपसचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) थीं।

सभी आरोपियों पर कई मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें से कुछ की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। यह आरोपी हिरासत में हैं।

हालांकि, साहू और चौरसिया जैसे कुछ आरोपी कई मामलों में जमानत हासिल करने में सफल रहे हैं।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य में ‘कोयला-शुल्क घोटाले’ को अंजाम देने के लिए एक ‘बड़ी साजिश’ रची गई थी, जिसमें ट्रांसपोर्टरों से कुल 540 करोड़ रुपये की ‘जबरन वसूली’ की गई थी।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप


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