जलवायु परिवर्तन से स्नो ट्राउट मछलियों के आवास स्थल में 26 प्रतिशत कमी आने की आशंका : अध्ययन

जलवायु परिवर्तन से स्नो ट्राउट मछलियों के आवास स्थल में 26 प्रतिशत कमी आने की आशंका : अध्ययन

जलवायु परिवर्तन से स्नो ट्राउट मछलियों के आवास स्थल में 26 प्रतिशत कमी आने की आशंका : अध्ययन
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: September 9, 2020 11:05 am IST

धर्मशाला, नौ सितंबर (भाषा) जलवायु परिवर्तन के संबंध में किए गए एक अध्ययन के अनुसार हिमालय की नदियों के ठंडे पानी में पायी जाने वाली स्नो ट्राउट मछलियों के आवास स्थान में अगले 30 वर्षों में 16 प्रतिशत तक की और 2070 तक 26 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

यह अध्ययन सरकार के भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किया गया है।

‘‘इज़ देयर ऑलवेज स्पेस एट द टॉप’’ नामक यह अध्ययन छह सितंबर को नीदरलैंड की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिका ‘‘इकोलॉजिकल इंडिकेटर्स’’ में प्रकाशित हुआ है।

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अध्ययन से संकेत मिलता है कि हिमालय में कम ऊंचाई वाली अधिकतर जलधाराएं तापमान में वृद्धि के साथ ऐसी मछलियों के लिए अनुकूल नहीं रह जाएंगी।

हिमालय संबंधी 72 सांख्यिकीय मॉडलों के समूहों के अध्ययन की रिपोर्ट भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के वैज्ञानिकों आशना शर्मा, विनीत कुमार दुबे, जयराज एंटनी जॉनसन, योगेश कुमार रावल और कुप्पुसामी शिवकुमार ने तैयार की है। अध्ययन से पता चलता है कि नाजुक स्नो ट्राउट मछलियां हिमालय में अधिक ऊंचाई वाली नदियों में सिमटती जाएंगी।

वरिष्ठ वैज्ञानिक शिवकुमार ने पीटीआई भाषा से कहा ‘‘ हमारे निष्कर्षों से पता चलता है कि हिमालय की नदियों के ठंडे पानी में रहने वाली स्नो ट्राउट मछलियों का आवास स्थान जलवायु परिवर्तन की वजह से कम होता जाएगा ।’’

अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में हो रहे जलवायु परिवर्तन से पर्वतीय प्रणालियां अधिक संवेदनशील हैं और हिमालय में स्थिति अधिक नुकसानदेह है जहां ग्लेशियर पिघलने की दर अन्य जगहों से बहुत अधिक है।

भाषा

अविनाश मनीषा

मनीषा


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