यूडीएफ में नए सहयोगियों के प्रवेश पर कांग्रेस नेता मुल्लप्पल्ली रामचंद्रन ने जताई चिंता

यूडीएफ में नए सहयोगियों के प्रवेश पर कांग्रेस नेता मुल्लप्पल्ली रामचंद्रन ने जताई चिंता

यूडीएफ में नए सहयोगियों के प्रवेश पर कांग्रेस नेता मुल्लप्पल्ली रामचंद्रन ने जताई चिंता
Modified Date: December 23, 2025 / 01:03 pm IST
Published Date: December 23, 2025 1:03 pm IST

कोझिकोड (केरल), 23 दिसंबर (भाषा) केरल में विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) में और दलों को सहयोगी के रूप में शामिल किए जाने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुल्लप्पल्ली रामचंद्रन ने मंगलवार को चिंता जताई और कहा कि उनकी मांगों को समायोजित करना व्यावहारिक रूप से कठिन हो सकता है।

रामचंद्रन यूडीएफ द्वारा तृणमूल कांग्रेस (केरल इकाई), जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) और केरल कामराज कांग्रेस को सहयोगी दल के रूप में शामिल करने के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

तृणमूल कांग्रेस की केरल इकाई का नेतृत्व पूर्व विधायक पी वी अनवर कर रहे हैं। जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) का नेतृत्व आदिवासी नेता सी के जानू कर रहे हैं। केरल कामराज कांग्रेस का नेतृत्व विष्णुपुरम चंद्रशेखरन कर रहे हैं।

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पूर्व केपीसीसी अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों को शामिल करना और उनकी सीटों की मांगों को पूरा करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।

उन्होंने कहा, “मैं यूडीएफ को अवसरवादियों का शरणस्थल बनाने से सहमत नहीं हूं।”

मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से मतभेदों के बाद एलडीएफ छोड़ने वाले पी वी अनवर का उल्लेख करते हुए रामचंद्रन ने संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “चाहे गठबंधन हो या पार्टी, सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए और अनुशासन के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।”

केरल कामराज कांग्रेस के नेता चंद्रशेखरन ने हालांकि यूडीएफ में शामिल होने से इनकार कर दिया। इस संदर्भ में, रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इस पार्टी का नाम नहीं सुना था। हालांकि, वरिष्ठ कांग्रेस नेता के मुरलीधरन ने कहा कि चंद्रशेखरन ने उनसे यूडीएफ में शामिल होने के लिए संपर्क किया था।

मुरलीधरन ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने हमसे मुलाकात की और एक संपर्क सूत्र के जरिए चर्चा हुई, जिसके बाद उनकी पार्टी को शामिल करने का फैसला लिया गया। अब यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने कदम पीछे क्यों खींचा। संभव है कि यह किसी अन्य गठबंधन से सौदेबाजी का प्रयास रहा हो।”

उन्होंने कहा कि राजनीति में विश्वसनीयता अहम है और “कामराज एक सच्चे नेता थे। उनके नाम की पार्टी और उसके नेता को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था।”

इस बीच, चंद्रशेखरन ने कहा कि यूडीएफ नेताओं के साथ करीब चार महीने पहले बातचीत हुई थी, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों के बाद हालात बदल गए।

उन्होंने कहा, “स्थानीय निकाय चुनावों में हमने राजग के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ा और दो सीटें जीतीं। इसके बाद यह मामला वहीं समाप्त हो गया।”

यह पूछे जाने पर कि क्या यूडीएफ में केवल सहयोगी का दर्जा दिए जाने से असंतोष के कारण उन्होंने कदम पीछे खींचा, चंद्रशेखरन ने कहा कि किसी भी पार्टी को उसकी सहमति के बिना शामिल नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, “आगामी चुनावों पर चर्चा के लिए हमारी राज्य समिति की बैठक होगी, जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।”

चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले राजग के प्रति असंतोष जताया था और उसके नेताओं ने उनसे कारण पूछा है।

उन्होंने कहा, “हमें कई शिकायतें हैं। उन्होंने अभी तक हमारी नाराजगी दूर नहीं की है।”

भाषा मनीषा वैभव

वैभव


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