कांग्रेस नेताओं ने आजाद की ओर से राहुल की आलोचना को नेहरू-गांधी परिवार के प्रति कृतघ्नता करार दिया

कांग्रेस नेताओं ने आजाद की ओर से राहुल की आलोचना को नेहरू-गांधी परिवार के प्रति कृतघ्नता करार दिया

कांग्रेस नेताओं ने आजाद की ओर से राहुल की आलोचना को नेहरू-गांधी परिवार के प्रति कृतघ्नता करार दिया
Modified Date: April 10, 2023 / 09:09 pm IST
Published Date: April 10, 2023 9:09 pm IST

श्रीनगर, 10 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद पर राहुल गांधी के खिलाफ उनके तीखे हमले को लेकर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के चलते चार दशक तक सत्ता का लाभ उठाने के बारे में भी बोलना चाहिए था।

गुलाम अहमद मीर, सैफुद्दीन सोज और तारिक हमीद कर्रा ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘आज़ाद की आलोचना से नेहरू-गांधी परिवार के प्रति विश्वासघात और कृतघ्नता प्रदर्शित होता है। राज्यसभा में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष को नेहरू-गांधी परिवार के समर्थन और उन पर जताए गए भरोसे के कारण चार दशकों तक ‘बिना बारी के’ मिली पदोन्नति, एहसान और पद (आधिकारिक और संगठनात्मक दोनों) का भी उल्लेख करना चाहिए था।’’

वे हाल ही में दिल्ली में आजाद की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में विभिन्न चैनल पर आये उनके साक्षात्कारों पर प्रतिक्रिया जता रहे थे।

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बयान में कहा गया, ‘‘डोडा जिले के एक दूरदराज के इलाके से आने वाले आजाद की सिफारिश दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने इंदिरा गांधी से की थी, जिन्होंने उन्हें बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि या प्रशंसकों के युवा नेता बना दिया।’’

इसमें कहा गया, ‘‘‘उसके बाद उन्हें (आज़ाद) महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी टिकट दिया गया, जहां मैडम गांधी ने खुद प्रचार किया और प्रचंड बहुमत से उनकी जीत सुनिश्चित की, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया।’’

इसमें कहा गया, ‘‘तब से, नेहरू-गांधी परिवार, जिसे अब आज़ाद निशाना बना रहे हैं, ने उनके लिए कई अवसर उपलब्ध कराये। वे कई बार राज्यसभा के लिए चुने गए, बाद में बिना चुनाव का सामना किए कई बार केंद्रीय मंत्री बने, जिसका उन्हें गांधी परिवार पर बोलते समय भी उल्लेख करना चाहिए था।’’

आजाद ने हाल ही में कहा था कि राहुल गांधी प्राथमिक कारण थे, जिनकी वजह से उन्होंने एवं कई अन्य ने कांग्रेस को छोड़ा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया था कि यह अब न ही कांग्रेस संसदीय पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और न ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हाथ में है कि वे चाहकर भी पार्टी में उनकी वापसी करा दें।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गांधी परिवार की रचनात्मक भूमिका और साठगांठ वाले पूंजीवाद और नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से देश के धन की संगठित लूट के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें मिल रहे समर्थन के मद्देनजर आजाद जनता के बीच भ्रम पैदा करने के लिए पार्टी को बदनाम कर रहे हैं।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


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