कांग्रेस ने पुतिन के दौरे के बीच भारत-सोवियत रिश्ते और इंदिरा को याद किया

कांग्रेस ने पुतिन के दौरे के बीच भारत-सोवियत रिश्ते और इंदिरा को याद किया

कांग्रेस ने पुतिन के दौरे के बीच भारत-सोवियत रिश्ते और इंदिरा को याद किया
Modified Date: December 5, 2025 / 10:45 pm IST
Published Date: December 5, 2025 10:45 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के के भारत दौरे के बीच शुक्रवार को भारत और सोवियत संघ के दौर में हुए कई समझौतों तथा पक्षियों से संबंधित एक समझौते को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उल्लेख किया।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत और सोवियत संघ के बीच 1971 में हुई शांति मित्रता और सहयोग की संधि सबसे महत्वपूर्ण समझौतों में से एक थी।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘1955 और 1990 के बीच भारत और यूएसएसआर के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। उनमें से सबसे प्रसिद्ध नौ अगस्त, 1971 को नयी दिल्ली में हस्ताक्षरित शांति, मित्रता और सहयोग की भारत-सोवियत संधि थी।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बिना किसी संदेह के इन सैकड़ों समझौतों में से सबसे असामान्य समझौता 8 अक्टूबर, 1984 को मॉस्को में हस्ताक्षरित प्रवासी पक्षियों के संरक्षण पर संधि को लेकर था। यह ‘डेल्ही बर्ड वॉचिंग सोसाइटी’ के संस्थापक सदस्यों में से एक, जो उस समय भारत की प्रधानमंत्री थीं, द्वारा ली गई व्यक्तिगत रुचि का परिणाम था।’

उन्होंने कहा कि सोवियत को इसके लिए तैयार करने में इंदिरा को ग्यारह साल लग गए थे। इसमें 303 पक्षियों को समझौते में नाम से सूचीबद्ध किया गया था।’

रमेश ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि नरेन्द्र मोदी जब से भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तब से सरकार में ‘डीडीएलजे’ यानी ‘डिस्टोर्ट, डिफेम, लाई, जस्टिफाई’ (विकृत करो, बदनाम करो, झूठ बोलो और सही ठहराओ) के क्षण देखने को मिलते हैं।

शाहरुख खान और काजोल की मशहूर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ को आमतौर पर ‘डीडीएलजे’ के नाम से जाना जाता है।

भाषा हक रंजन

रंजन


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