कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा पर आधारित नहीं थी : अमित शाह |

कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा पर आधारित नहीं थी : अमित शाह

कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा पर आधारित नहीं थी : अमित शाह

:   Modified Date:  February 24, 2023 / 12:01 AM IST, Published Date : February 24, 2023/12:01 am IST

बेंगलुरू, 23 फरवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा पर आधारित नहीं थी और यह देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाला संगठन था जबकि भाजपा का गठन ‘‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’’ नामक वैचारिक स्तंभ के आधार पर हुआ था।

शाह ‘संवाद’ द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अब भारत की कहानी शुरू हो गई है और 2047 तक एक ‘महान भारत’ का निर्माण निश्चित है। उन्होंने केंद्र में नरेंद्र मोदी नीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के तहत ‘क्रांतिकारी बदलाव’ के लिए लोगों को श्रेय दिया।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में बड़े पैमाने पर योगदान देने वाली कांग्रेस आज पूरी तरह से वंशवादी व्यवस्था से घिरी हुई है तथा पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टियां भी लोहिया युग के बाद धीरे-धीरे जाति आधारित पार्टी में बदल गईं और फिर वंशवादी पार्टियां बन गईं।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी को ‘वंशवादी’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में भी जनता दल (सेक्युलर) एक वंशवादी पार्टी है, आपको उनके परिवार में ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने चुनाव न लड़ा हो, हर कोई चुनाव लड़ना और कर्नाटक का नेतृत्व करना चाहता है।’

उन्होंने कहा, ‘जनसंघ को पहले जनता पार्टी और भाजपा बनने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा, लेकिन हमने अपनी विचारधारा और पार्टी लोकतंत्र को बरकरार रखा।’

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, आज भाजपा 11 करोड़ से भी अधिक कार्यकर्ताओं, 1500 से अधिक विधायकों, 400 से अधिक सांसदों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और इस देश के 66 प्रतिशत से अधिक भूमि क्षेत्र पर पार्टी की सरकार है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी उपस्थित थे।

शाह ने कहा कि भाजपा ने भारत को जातिवाद, वंशवाद और तुष्टिकरण से मुक्त किया। उन्होंने जीएसटी, विमुद्रीकरण, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जैसे सरकार के फैसलों का बचाव करते हुए कहा कि यह लोगों की भलाई के लिए था।

मातृभाषा में शिक्षा की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, ‘भाषा हमारे आईक्यू या ज्ञान का प्रमाण नहीं है, यह केवल आईक्यू या ज्ञान की अभिव्यक्ति है।’

लोगों को हमेशा पार्टी और उसके नेतृत्व को देखकर मतदान करने की सलाह देते हुए शाह ने कहा, नेतृत्व कोई व्यक्ति नहीं है, वह एक संस्था है जो पार्टी की विरासत, विचारधारा और विकास कार्यक्रमों से संबंधित है।

भाषा

कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा पर आधारित नहीं थी. यह केवल देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाला संगठन या मंच था. साजन अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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