संविधान सर्वोच्च है, सभी इसकी पालना करें : नायडू

संविधान सर्वोच्च है, सभी इसकी पालना करें : नायडू

संविधान सर्वोच्च है, सभी इसकी पालना करें : नायडू
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: September 28, 2021 4:27 pm IST

जोधपुर, 28 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि संविधान सर्वोच्च है और सभी लोग इसका पालन करें । नायडू ने यहां सर्किट हाउस में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की पुस्तक ‘संविधान, संस्कृति और राष्ट्र’ लोकार्पण करते हुए यह बात कहीं

आधिकारिक बयान के अनुसार उपराष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि संविधान सर्वोच्च है। उन्होंने सभी से संविधान की पालना करने के साथ ही इसके प्रति जागरूकता का वातावरण बनाए जाने का आह्वान किया । नायडू ने संविधान और संस्कृति के साथ ही राष्ट्र चिंतन की सोच से जुड़ी राज्यपाल कलराज मिश्र की पुस्तक को महत्वपूर्ण बताते हुए उनके संविधान जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने पुस्तक में राज्यपाल द्वारा ग्रामीण संस्कृति पर गहरी दृष्टि रखने, जैसलमेर और सोनार किले पर संस्मरणात्मक गंभीर लेखन करने की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी पुस्तक संविधान की भारतीय संस्कृति को समझने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान हमें अधिकार देता है तो कर्तव्य की सीख भी देता है। उन्होंने संविधान को धर्मग्रंथों की तरह पवित्र बताते हुए इसके प्रति सभी को निष्ठा रखे जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुलतावादी है और इसमें जात-पांत, भाषा और मजहब के नाम पर कोई भेद नहीं है।

राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि यह पुस्तक उनके समय समय पर लिखे लेखों का संग्रह है। उन्होंने संविधान को मानवीय अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज बताते हुए कहा कि भारतीय वेद ईश्वर प्रदत्त संविधान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र जीवंत दर्शन है। संस्कृति और राष्ट्र परस्पर जुड़े हुए हैं।

उन्होंने बताया कि संस्कृति, संविधान और राष्ट्र के दर्शन को अलग-अलग लेखों में व्याख्यायित करने का उन्होंने प्रयास किया है। पुस्तक में ‘शिक्षा की संस्कृति’ के अंतर्गत देश में 34 वर्षों के बाद बनी ऐतिहासिक नई शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षा से जुड़ी भारतीय संस्कृति पर लेख है।

इससे पहले राजस्थान के ऊर्जा, जल संसाधन और कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने राजस्थान की संस्कृति की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति और राज्यपाल का स्वागत किया।

भाषा पृथ्वी

रंजन

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