Contract Employee Regularization News Today: पूरी हुई संविदा कर्मचारियों की मुराद, कैबिनेट बैठक में नियमितीकरण के प्रस्ताव पर लगी मुहर, इस दिन से शुरू होगी प्रक्रिया

Contract Employee Regularization News Today: पूरी हुई संविदा कर्मचारियों की मुराद, कैबिनेट बैठक में नियमितीकरण के प्रस्ताव पर लगी मुहर, इस दिन से शुरू होगी प्रक्रिया

Contract Employee Regularization News Today: पूरी हुई संविदा कर्मचारियों की मुराद, कैबिनेट बैठक में नियमितीकरण के प्रस्ताव पर लगी मुहर, इस दिन से शुरू होगी प्रक्रिया

Contract Employees Latest News: दिवाली से पहले संविदा कर्मचारियों को लग सकता है झटका / Image: IBC24 Customized

Modified Date: April 10, 2025 / 01:53 pm IST
Published Date: April 10, 2025 1:53 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 31 मार्च 2025 तक दो साल पूरे करने वाले संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
  • राज्य में न्यूनतम बस किराया ₹5 से बढ़ाकर ₹10 किया गया
  • चार जलविद्युत परियोजनाएं राज्य सरकार के अधीन लाई जाएंगी

शिमला: Contract Employee Regularization News Today हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। सबसे अहम फैसलों में राज्य में न्यूनतम बस किराया बढ़ाने का निर्णय शामिल रहा। अब हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला एचआरटीसी (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) के निदेशक मंडल की सिफारिश पर लिया गया। हालांकि, निजी बस ऑपरेटरों ने न्यूनतम किराया 15 रुप, करने का सुझाव दिया था, जिसे सरकार ने नहीं माना।

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Contract Employee Regularization News Today इसके अलावा, कैबिनेट ने राज्य के हजारों अनुबंध कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें नियमित करने का निर्णय लिया है। बैठक में तय किया गया कि 31 मार्च 2025 तक दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारी नियमित किए जाएंगे। साथ ही, चार साल की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारी भी इसी तिथि से नियमित होंगे।

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जलविद्युत परियोजनाएं राज्य के नियंत्रण में

सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय लिया कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) के पास मौजूद चार जलविद्युत परियोजनाओं को राज्य सरकार अपने अधीन लेगी। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • सुन्नी प्रोजेक्ट (382 मेगावाट)
  • लुहरी चरण-I (210 मेगावाट)
  • धौलासिद्ध प्रोजेक्ट (66 मेगावाट)
  • डुगर प्रोजेक्ट (500 मेगावाट)

इसके अलावा, एनएचपीसी से भी चंबा जिले की बैरा सुइल (180 मेगावाट) परियोजना को वापस लेने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि इस प्रोजेक्ट की 40 साल की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है।

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दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान: मंत्री

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ये कदम राज्य के लंबी अवधि के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “कठिन समय में लोग कठिन फैसलों को समझेंगे। हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं रहे हैं। चाहे वह परिवहन सेवा को बेहतर बनाना हो या जलविद्युत संसाधनों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ाना हो, हमारा फोकस हिमाचल की दीर्घकालिक स्थिरता पर है।”

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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