Contract Employees Regularization News Today: लोकसभा में गूंजा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा, परमानेंट के साथ मानदेय में बढ़ोतरी…
Contract Employees Regularization News Today: लोकसभा में गूंजा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा, परमानेंट के साथ मानदेय में बढ़ोतरी...
Contract Employees Latest News: नियमितीकरण की राह देख रहे संविदा कर्मचारियों के लिए खुला खुशियों का पिटारा / Image Source: IBC24 Customized
- संविदाकर्मियों के लिए स्थायी नौकरी और आरक्षण की मांग
- अनुराग ठाकुर ने कड़े कदम उठाने पर जोर दिया
- रवि किशन ने गोरखपुर में IIM स्थापित करने की अपील की
नयी दिल्ली: Contract Employees Regularization News Today समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बुधवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि देश भर में संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए और उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था भी लागू हो। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि ‘आउटसोर्सिंग’ के माध्यम से आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से लोकसभा सदस्य यादव ने कहा कि संविदाकर्मियों को कुछ हजार रुपये का मानदेय मिलता है।
Contract Employees Regularization News Today उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘हम लगातार पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की बात करते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में 18 लाख कर्मचारी और पूरे देश में लगभग एक करोड़ कर्मचारी संविदा के चलते दुर्दशा के शिकार हैं।’’ यादव ने कहा कि ‘आउटसोर्सिंग’ कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाया जाए और उनके लिए आरक्षण लागू हो। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने शून्यकाल में मादक पदार्थों की समस्या का विषय उठाया और कहा कि इसे लेकर सरकार तथा सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेता का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘जो विषय वेणुगोपाल जी ने उठाया, वह बहुत गंभीर है। मादक पदार्थां के प्रति एक मुहिम केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ समाज, हम सभी सांसदों और विधायकों को मिलकर चलानी चाहिए ताकि नशीले द्रव्यों को हम धरातल से खत्म कर सकें और अपने युवाओं को बचा सकें।’’ भाजपा सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उनके संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) की स्थापना की जाए।

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