नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी के धौला कुआं में 100 साल से अधिक पुरानी शाही मस्जिद, एक कब्रिस्तान और एक स्कूल के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने नोटिस जारी करते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया और मस्जिद, ‘मदरसा’ और एक सार्वजनिक कब्रिस्तान को ढहाये जाने की आशंका वाली एक याचिका पर दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति (गृह), केंद्र, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली छावनी क्षेत्र के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट और दिल्ली वक्फ बोर्ड से जवाब तलब किया।
अदालत ने कहा कि अधिकारी चार सप्ताह के भीतर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करेंगे और मामले को 31 जनवरी, 2024 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
न्यायमूर्ति जालान ने कहा, ‘‘इस बीच, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि संरचनाएं 100 साल से अधिक पुरानी हैं, प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख यानी 31 जनवरी तक संरचनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया जाता है।’’
अदालत धौला कुआं में बाग मोची, किचनर झील के पास स्थित शाही मस्जिद और कब्रिस्तान कंगाल शाह की प्रबंध समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
भाषा सुरेश माधव
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