अदालत का आयकर विभाग को निर्देश, संपत्ति मामले में जया के कानूनी वारिसों को पेश करें

अदालत का आयकर विभाग को निर्देश, संपत्ति मामले में जया के कानूनी वारिसों को पेश करें

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  • Publish Date - December 6, 2021 / 08:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

चेन्नई, छह दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को आयकर विभाग को दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के कानूनी वारिस जे दीपा और जे दीपक के नाम उनके खिलाफ लंबित संपत्ति और आयकर मामलों से संबंधित रिकॉर्ड में लाने के लिए आवेदन दायर करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक ने यह निर्देश तब दिया जब आयकर विभाग की तरफ से दायर याचिका उनके समक्ष सुनवाई के लिये आई।

पीठ ने आयकर विभाग के वकील कार्तिक रंगनाथन को दो दशकों से अधिक समय से लंबित मामलों में जयललिता की भतीजी दीपा और भतीजे दीपक के नाम रिकॉर्ड में लाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

रंगनाथन के अनुसार, जयललिता पर 1990-91 से 2011-12 तक संपत्ति कर बकाया के रूप में 10.12 करोड़ रुपये और आयकर विभाग पर 2005-06 से 2011-12 तक आयकर बकाया के रूप में 6.63 करोड़ रुपये की देनदारी है।

विभाग ने यहां पोस गार्डन और हैदराबाद की उनकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया था। इसने 1997 में करों का भुगतान न करने के लिए उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए थे। इससे व्यथित जयललिता ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का रुख किया, जिसने उनके पक्ष में एक आदेश पारित किया। इसे चुनौती देते हुए आयकर विभाग ने उच्च न्यायालय में 18 याचिकाएं दायर की थीं।

जब ये याचिकाएं आज न्यायमूर्ति महादेवन की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश की गईं तो न्यायाधीश ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया कि इस बीच दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु हो गई थी और दीपा व दीपक को उनका कानूनी उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश