नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिवाली पर पटाखे जलाने को लेकर दर्ज प्राथमिकियां रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी , ‘‘प्राथमिकियों को रद्द करने के लिए एक पीआईएल (जनहित याचिका) कैसे दायर की जा सकती है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा याचिका, संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, हरित पटाखों की बिक्री, खरीद या उन्हें जलाने को लेकर सभी राज्यों द्वारा दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने के लिए दायर की गई है। ’’
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए प्राथमिकियों को रद्द करने की ऐसी कोई राहत नहीं दी जा सकती। यदि उस स्थिति में कोई आरोपी पीड़ित है तो वह उपयुक्त उच्च न्यायालय/अदालत के समक्ष उपयुक्त कार्यवाही की पहल कर सकता है। ’’
शीर्ष न्यायालय दिवाली पर हरित पटाखों का इस्तेमाल करने को लेकर संजीव नेवार एवं अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियां रद्द करने की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि शीर्ष न्यायालय ने 29 अक्टूबर 2021 के अपने आदेश में हरित पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
भाषा
सुभाष नरेश
नरेश
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