नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को अपने मंच पर रोहिंग्या के खिलाफ घृणा भाषण का कथित तौर पर प्रचार करने से रोकने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को जारी आदेश में दो रोहिंग्या शरणार्थियों की जनहित याचिका खारिज कर दी और कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून शिकायतों के निस्तारण के लिए पूरी मशीनरी उपलब्ध कराता है।
पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत की राय है कि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं का यह सुझाव कि फेसबुक पर रोहिंग्याओं के किसी भी प्रकाशन की पूर्व सेंसरशिप होनी चाहिए, ‘एक ऐसे इलाज का उदाहरण है जो बीमारी से भी बदतर है।’’’
याचिका में दावा किया गया है कि फेसबुक पर जातीयता और धर्म के आधार पर शरणार्थियों को निशाना बनाकर की गई हिंसक और घृणित टिप्पणियों के प्रसार के परिणामस्वरूप शरणार्थियों को हिंसा का सामना करना पड़ता है।
भाषा गोला जितेंद्र
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