न्यायालय ने कोविड-19 के ‘असामान्य समय’ के कारण आरोपी को जमानत दी

न्यायालय ने कोविड-19 के 'असामान्य समय' के कारण आरोपी को जमानत दी

न्यायालय ने कोविड-19 के ‘असामान्य समय’ के कारण आरोपी को जमानत दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: September 15, 2020 9:33 am IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि कोविड-19 महामारी का ‘असामान्य समय’ है।

न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति अनिरूध बोस और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने जेलों में से भीड़ को कम करने के लिए व्यक्तियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है जो सात साल तक की सजा के मामलों पर लागू होता है।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘ हमने असामान्य समय का सामना किया है जहां कोविड की चुनौती व्याप्त है। ‘

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न्यायालय ने कहा, ‘ मामले के उक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, हम निचली अदालत की संतुष्टि के लिए शर्तों पर अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करना उचित मानते हैं। “

याचिकाकर्ता शेरू की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी थी की आरोपी करीब आठ साल से हिरासत में है और मामले को प्राथमिकता देने के इस अदालत के निर्देशों के बावजूद मामला अबतक सुनवाई के चरण में नहीं पहुंचा है।

वहीं दूसरी तरफ नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के कड़े प्रावधानों को देखते हुए अपील लंबित होने के दौरान ही अधिकांश अवधि गुजार लेने का सामान्य सिद्धांत सजा निलंबित करने ओर जमानत देने का आधार नहीं हो सकता।

एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 आरोपी को जमानत देने की शर्तें उपलब्ध कराती है।

भाषा

नोमान अनूप

अनूप


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