नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया में चूक के लिए पुलिस अधिकारियों की खिंचाई करते हुए मारपीट के एक मामले में आरोपी व्यक्ति को जमानत प्रदान कर दी।
अदालत ने कहा कि आरोपी को एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के सुभाष प्लेस थाने के जांच अधिकारी (आईओ) गिरफ्तारी के कारणों का उल्लेख करने में विफल रहे।
अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को मामले में आईओ और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद फारुख ने कहा, ‘‘आवश्यक कानूनी प्रक्रिया और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर विचार करने के बाद … वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, जहां संबंधित जांच अधिकारी (आईओ) या एसएचओ ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। यह अदालत आरोपी को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार पेश करने पर नियमित जमानत देने की इच्छुक है।’’
आठ अगस्त को पारित आदेश में अदालत ने आरोपी हेमंत वोहरा को नियमित रूप से जांच में शामिल होने और शिकायतकर्ता से न तो संपर्क करने और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का निर्देश दिया।
भाषा
शफीक अविनाश
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