अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किया
अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द किया
प्रयागराज, 21 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के एक आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया है।
अदालत ने पाया कि आरोपी ने काफी पहले दुष्कर्म पीड़िता से विवाह कर लिया था।
न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने वसीउल्लाह नाम के व्यक्ति और दो अन्य द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया। याचिका में संत कबीर नगर की एक अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता संख्या एक और पीड़िता ने विवाह कर लिया था और इस विवाह से उन्हें एक बच्चा भी है और वे पिछले कई वर्षों से शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन जी रहे हैं।”
अदालत ने कहा, “प्रतिवादी (पीड़िता के पिता) ने भी इस अदालत के मध्यस्थता केंद्र के समक्ष समझौता कर लिया है और यदि निचली अदालत में मुकदमा रद्द नहीं किया जाता है तो याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी और उनके परिजनों को कानूनी पीड़ा पहुंच सकती है।”
अदालत ने आगे कहा, “बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा यदि कोई अपराध किया गया है तो वह अब समाप्त हो गया है। इसलिए आपराधिक मुकदमे को लंबा खींचने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।”
इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, लड़की के पिता ने जनवरी, 2017 में संत कबीर नगर के थाना बखीरा में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें उसका आरोप था कि याचिकाकर्ता उनकी नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले गया।
कुछ दिनों बाद पुलिस ने लड़की को मुक्त करा लिया जिसने अपने बयान में कहा कि वह बालिग है और वह अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता के साथ गई थी। मुकदमे के दौरान ही दोनों ने विवाह कर लिया और अगस्त, 2018 में उनके एक लड़का पैदा हुआ।
भाषा सं राजेंद्र अविनाश
अविनाश

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