न्यायालय ने बुजुर्ग एवं बीमार कैदियों की आपात पैरोल बढ़ाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

न्यायालय ने बुजुर्ग एवं बीमार कैदियों की आपात पैरोल बढ़ाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

न्यायालय ने बुजुर्ग एवं बीमार कैदियों की आपात पैरोल बढ़ाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: February 22, 2021 10:37 am IST

नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार, जेल प्राधिकार एवं राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) को नोटिस जारी कर उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें कोविड-19 के संक्रमण के खतरे के चलते बीमार एवं 65 साल से अधिक उम्र के कैदियों की आपात पैरोल की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार, महानिदेशक (डीजी) जेल एवं डीएसएलएसए से याचिका पर वकीलों के जरिये 26 मार्च तक जवाब देने को कहा है।

अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह कैदियों एवं जेल प्रशासन के हित में बुजुर्ग कैदियों को सभी कैदियों के बाद आत्मसमर्पण करने का निर्देश दे।

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याचिका में कहा गया है कि जेल में सामाजिक दूरी का अनुपालन संभव नहीं है, क्योंकि उनमें पहले से ही क्षमता से अधिक कैदी हैं और संक्रमण से जेल सबसे अधिक प्रभावित रही हैं।

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि अदालत प्राधिकारियों को निर्देश दे कि कोविड-19 संक्रमित कैदी आत्मसमर्पण करने से पहले स्वयं अपने आवास में पृथकवास में रहें।

याचिकाकार्ता ने कहा कि दिल्ली के कारावासों की क्षमता 10,026 कैदियों को रखने की है जबकि 14 हजार कैदी पहले ही रह रहे हैं और इनमें करीब 4,000 वे कैदी शामिल नहीं हैं जिन्हें आपात पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश


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