न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दो वकीलों को दी गई सजा को निलंबित किया

न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दो वकीलों को दी गई सजा को निलंबित किया

न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दो वकीलों को दी गई सजा को निलंबित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: March 15, 2022 10:21 pm IST

नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने विप्रो के पूर्व अध्यक्ष अजीम प्रेमजी और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई याचिकाएं दायर करने के लिए दो वकीलों को अदालत की अवमानना ​​के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दी गई दो महीने की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया।

अधिवक्ता आर सुब्रमण्यम और पी सदानंद ने प्रेमजी के खिलाफ ‘इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी’ नामक एक निजी कंपनी के माध्यम से 70 से अधिक “शरारतपूर्ण” याचिकाएं दायर की हैं और उच्च न्यायालय द्वारा दोनों वकीलों को 14 जनवरी को अदालत की अवमानना ​​​​का दोषी ठहराया गया था।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने अधिवक्ता सुब्रमण्यम की इस दलील पर गौर किया कि वह दो सप्ताह के भीतर कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष बिना शर्त माफी मांगेंगे। अदालत ने तीन साल के लिए सजा को निलंबित कर दिया और कहा कि इस अवधि में वकील के व्यवहार की निगरानी की जाएगी।

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पीठ ने कहा, ”हमें इस आदेश में दिए गए फैसले के गुण-दोष पर जरा सा भी संदेह नहीं है जोकि तथ्यात्मक तौर पर और कानूनन सही है। हालांकि, अपीलकर्ता हमें यह समझाने में सफल रहा है कि वह एक अलग रास्ते पर चलना चाहता है…।”

भाषा

शफीक प्रशांत

प्रशांत


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