कोवैक्सीन: दूसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों से टीके के सुरक्षित होने, प्रतिरक्षा क्षमता के बारे में पता चला

कोवैक्सीन: दूसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों से टीके के सुरक्षित होने, प्रतिरक्षा क्षमता के बारे में पता चला

कोवैक्सीन: दूसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों से टीके के सुरक्षित होने, प्रतिरक्षा क्षमता के बारे में पता चला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: March 9, 2021 1:06 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) कोविड-19 का स्वदेशी टीका ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित है और यह बगैर किसी गंभीर दुष्प्रभाव के प्रतिरक्षा क्षमता विकसित करता है। ‘द लांसेट इंफेक्शियस डिजिजेड’ जर्नल में प्रकाशित दूसरे चरण के अंतरिम नतीजों में यह दावा किया गया है।

अध्ययन के लेखकों ने यह जिक्र किया है कि दूसरे चरण के नतीजों ने बीबीवी152 कूट नाम वाले टीके की प्रभाव क्षमता का आकलन नहीं किया।

भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान,पुणे के साथ मिल कर यह टीका विकसित किया है। सरकार ने इस टीके की आपात उपयोग की मंजूरी दी है।

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कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए भारत के औषधि नियामक द्वारा मंजूरी दिये जाने को लेकर शुरूआत में विशेषज्ञों ने कुछ आशंका प्रकट की थी।

नवीनतम अध्ययन भारत बायोटेक की इस घोषणा के एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि टीके ने तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में 81 प्रतिशत प्रभाव क्षमता प्रदर्शित की है। इस अध्ययन के नतीजे अभी प्रकाशित किये जाने बाकी हैं।

दूसरे चरण का परीक्षण 12 से 65 वर्ष के आयु समूह के लोगों पर नौ राज्यों के नौ अस्पतालों में किया गया।

भाषा सुभाष उमा

उमा


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