संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले अनिवार्य होगा पुलिस सत्यापन, कई लोगों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले
appointment of contract employees update: कई संविदा कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज, पुलिस सत्यापन अनिवार्य हो: रेलवे बोर्ड
appointment of contract employees update
नयी दिल्ली; appointment of contract employees रेलवे बोर्ड ने कहा कि अपराध के आंकड़ों से पता चलता है कि संविदा कर्मचारी बड़ी संख्या में छेड़छाड़, यात्रियों के सामान और रेलवे संपत्ति की चोरी के मामलों में शामिल पाए गए हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति से पहले पुलिस सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए। बोर्ड ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला कि इनमें से कई मामलों में पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था।
बोर्ड ने सभी 17 रेलवे जोन के महाप्रबंधकों और भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को भेजे गए एक परिपत्र में कहा, ‘सुरक्षा (अपराध) आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारतीय रेल में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें संविदा कर्मचारी यात्रियों के सामान की चोरी, छेड़छाड़, रेलवे संपत्ति की चोरी जैसे कई मामलों में शामिल हैं।’
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बोर्ड ने 20 अगस्त के परिपत्र में सुधारात्मक उपाय सुझाते हुए कहा, ‘उपर्युक्त के मद्देनजर, जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी को सलाह दी जाती है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर भारतीय रेलवे के तहत काम करने वाले 100 प्रतिशत ‘कैटरिंग’ कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए, ताकि संबंधित कर्मचारियों के इतिहास का पता चल सके।’
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड को यह परिपत्र तब जारी करना पड़ा, जब यह पाया गया कि विभिन्न सेवाओं के नियुक्त कई संविदा कर्मचारियों के खिलाफ पहले से ही आपराधिक मामले लंबित हैं।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे से बचने का एकमात्र उपाय पुलिस सत्यापन है, इसलिए बोर्ड ने यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ रेल परिचालन के हित में जोन और आईआरसीटीसी को सलाह दी है।
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