Cyclonic storm ‘Biporjoy’ : खतरनाक रूप लेने वाला है चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’… अगले 24 घंटों में इन राज्यों में दिखने लगेगा असर

Cyclonic storm 'Biporjoy' : IMD ने कहा कि दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय'

Cyclonic storm ‘Biporjoy’ : खतरनाक रूप लेने वाला है चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’… अगले 24 घंटों में इन राज्यों में दिखने लगेगा असर

Cyclonic storm 'Biporjoy'

Modified Date: June 7, 2023 / 11:23 am IST
Published Date: June 7, 2023 11:22 am IST

नई दिल्ली : Cyclonic storm ‘Biporjoy’ : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ में तब्दील हो गया। ‘बिपरजॉय’ नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया है। IMD ने एक बुलेटिन में कहा, दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चार किलोमीटर प्रतिघंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ में तब्दील हो गया।

इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इस दौरान कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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प्रभावित हो सकता है मानसून

Cyclonic storm ‘Biporjoy’ : IMD ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है। उसने कहा, अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा।

स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह तीन दिन पहले या बाद में हो सकता है। स्काईमेट ने कहा था, दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है। हालांकि, मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है।

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IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कही ये बात

Cyclonic storm ‘Biporjoy’ : IMD में वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पई ने बताया कि केरल में सोमवार को भी अच्छी बारिश हुई और स्थितियां अगले दो से तीन दिन में मानसून के आगमन के लिए अनुकूल हैं। पई ने कहा कि चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश होगी। उन्होंने कहा कि चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे बढ़ेगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को केरल में प्रवेश करता है जिसमें सात दिन आगे या पीछे हो सकता है।

मई के मध्य में, आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल में दस्तक दे सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।

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