Cyclone Montha: चक्रवात ‘मोंथा’ का तांडव… 2 राज्यों में तबाही का मंजर, हजारों बेघर, आसमान से बरसी आफत..!
भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दे दी, जिससे दक्षिणी राज्य में चक्रवात का असर देखा गया...
Cyclone Montha/ image source: ANI's x handle
- चक्रवात ‘मोंथा’ ने मंगलवार आंध्र प्रदेश के तट को काकीनाडा के पास पार किया।
- हवा की रफ्तार 90–110 किमी प्रति घंटे तक दर्ज की गई।
- 76,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
Cyclone Montha: अमरावती/भुवनेश्वर: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दे दी, जिससे दक्षिणी राज्य में चक्रवात का असर देखा गया, जबकि पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी इसका प्रभाव महसूस किया गया, जहां 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ।
VIDEO | Cyclone Montha: Andhra Pradesh Police personnel clear fallen trees and restore traffic movement in Epurupalem, Vetapalem, and nearby areas after strong winds hit the region.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/Ba0UotJzOW
— Press Trust of India (@PTI_News) October 28, 2025
मौसम विभाग ने दी जानकारी
Cyclone Montha: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात के तट से टकराने की प्रक्रिया शाम करीब सात बजे शुरू हुई और बंगाल की खाड़ी में बनी यह मौसम प्रणाली मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगी।
आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात के तट से गुजरने के दौरान हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
#WATCH | Odisha | Strong winds in Gopalpur Beach of Ganjam district after the landfall of cyclone Montha. pic.twitter.com/YwXb9QpuKq
— ANI (@ANI) October 29, 2025
क्या है मोंथा…
Cyclone Montha: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का थाई भाषा में अर्थ ‘सुगंधित फूल’ होता है। चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में मंगलवार को सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।
पुलिस के एक अधिकारी ने हमें बताया कि कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में तूफान के कारण ताड़ का पेड़ उखड़कर एक महिला के ऊपर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
50 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविर पहुंचाया गया
Cyclone Montha: बता दें कि, चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गईं और 1.38 लाख हेक्टेयर बागान को भी भारी नुकसान पहुंचा। लगभग 76,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया, जबकि सरकार ने विभिन्न जगहों पर 219 चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की। चक्रवात को ध्यान में रखते हुए 865 टन पशु चारे का भी इंतजाम किया गया है।
सरकार ने कृष्णा, एलुरु और काकीनाडा सहित चक्रवात प्रभावित जिलों में मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह छह बजे तक सड़कों पर वाहनों की आवाजाही स्थगित करने का निर्णय लिया । हालांकि, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को इससे छूट दी जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे ने मंगलवार को पूर्वी तटीय रेलवे क्षेत्र के वाल्टेयर डिवीजन में कई ट्रेन को या तो रद्द कर दिया, या फिर उनके मार्ग में परिवर्तन किया या उनका समय पुनर्निर्धारित किया। उन्होंने बताया कि इसी तरह दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) क्षेत्र ने सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेन रद्द कीं।
तूफान के चलते 32 उड़ानें रद्द
भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मंगलवार को विशाखापत्तनम हवाई अड्डे से संचालित होने वाली सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गईं।इसी तरह, विजयवाड़ा हवाई अड्डे से 16 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि पांच उड़ानों का सफल संचालन किया गया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि 3,778 गांवों में भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि ‘मोंथा’ के आंतरिक आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा सहित आसपास के इलाकों में दस्तक देने के बाद छह घंटे तक अपनी तीव्रता बनाए रखने की आशंका है।मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यनम में अधिकतर जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है। विभाग ने इसी अवधि के दौरान अलग-अलग जगहों पर 20 सेंटीमीटर से अधिक की अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है।अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा में ‘मोंथा’ के कारण तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन की घटनाएं घटीं, मकानों को नुकसान पहुंचा तथा पेड़ उखड़ गए।
दक्षिणी ओडिशा के आठ जिलों-मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर से नुकसान की प्रारंभिक खबरें प्राप्त हुई हैं। हालांकि, क्षेत्र के कुल 15 जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। गजपति जिले के अनाका ग्राम पंचायत से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पास की पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर गिरे, जिससे पांच गांवों की सड़कें अवरुद्ध हो गईं।स्थानीय पंचायत पदाधिकारी बालकृष्ण मलिक ने बताया, “इस जगह को पहले भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र के रूप में पहचाना गया था। इसलिए सड़कों से पत्थरों को जल्द से जल्द हटाने के लिए व्यवस्था की गई है।” गजपति के काशीनगर ब्लॉक की परतोदा पंचायत में लिंगा-बारभा मार्ग पर भी भूस्खलन की सूचना मिली है। रायगढ़ जिले के गुनुपुर, गुदारी और रामनागुड़ा इलाकों में भी पेड़ उखड़ गए। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “चक्रवात के राज्य से गुजरने के बाद विभिन्न जिलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट संकलित की जाएगी।”

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