Death of the murderer: हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाने पहुंचा था हत्यारा, पहाड़ी से गिरकर हुई उसकी भी मौत, दोनों लाशें बरामद

Death of the murderer: हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाने पहुंचा था हत्यारा, पहाड़ी से गिरकर हुई उसकी भी मौत, दोनों लाशें बरामद

Death of the murderer

Modified Date: February 2, 2023 / 03:37 pm IST
Published Date: February 2, 2023 3:37 pm IST

Death of the murderer: तीन दोस्तों के बीच पैसे की लेनदेन को लेकर जमकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया की दो ने मिलकर एक की हत्या कर दी। इसके बाद दोनों हत्यारो ने लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। वे शव को लेकर पहाड़ी पर पहुँच और फिर उसे नीचे फेंकने लगे। लेकिन इसी दौरान एक हत्यारे साथी का भी पैर फिसला गया और वह भी गहराई में जा गिरा। इस हादसे में उसकी भी मौत हो गई। हैरान कर देने वाला यह पूरा मामला महाराष्ट्र का हैं। पुलिस ने जिन्दा बचकर लौटे हत्यारे के दोस्त को हिरासत में ले लिया हैं। उसने ही पूरी कहानी पुलिस को बताई। दोनों ही शवों को बरामद कर लिया गया हैं।

IAS एलेक्स पॉल ने नक्सलियों को पहचानने से किया इंकार, कहा “भविष्य में भी नहीं बता पाउँगा, किसने किया था अगवा”

Death of the murderer: बताया जा रहा है कि घटना सावंतवाड़ी के अंबोली घाट की है। यहाँ भाऊसो माने और उसके सहयोगी तुषार पवार (28) ने पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के बाद रविवार को सुशांत खिलारे (30) की हत्या कर दी थी। तीनों सतारा के कराड के रहने वाले हैं। खिलारे के शव को ठिकाने लगाने के लिए माने और पवार एक कार में 400 किमी दूर अंबोली घाट गए थे। घाट पर माने ने अपना संतुलन खो दिया और शव के साथ गिर गया और हादसे में उसकी मौत हो गई।

 ⁠

पेशावर हमले के बाद आख़िरकार पाकिस्तान ने स्वीकारा, कहा “हाँ..आतंक के बीज हमने खुद ही बोये”

Death of the murderer: इसके बाद भाऊसो माने के साथ गए तुषार पवार ने अपने परिजनों को कॉल करके सब कुछ बता दिया और गुनाह कबूल लिया था। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय व्यक्ति ने मंगलवार को एक शव देखा और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी। सब-इंस्पेक्टर अमित गोटे के साथ बचावकर्मियों ने दो शवों को बाहर निकाला, जो एक-दूसरे कुछ ही दूरी पर थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया हैं। मामले की जाँच की जा रही हैं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown