रक्षा मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिए सेना की सराहना की | Defence Minister commends army for its style of handling the current security environment

रक्षा मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिए सेना की सराहना की

रक्षा मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिए सेना की सराहना की

रक्षा मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिए सेना की सराहना की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: October 28, 2020 10:08 am IST

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को शीर्ष सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए “मौजूदा सुरक्षा माहौल” को संभालने के अंदाज के लिये सेना की तारीफ की। राजनाथ के बयान को पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के सीधे संदर्भ में देखा जा रहा है।

सोमवार को शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष सैन्य कमांडर चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की युद्धक तैयारियों के साथ ही जम्मू कश्मीर में स्थिति की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि “सशस्त्र बलों की भुजाओं” को मजबूती देने के लिये सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

सिंह ने ट्वीट किया, “नयी दिल्ली में आज सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है।”

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच महीने से भी ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों ने क्षेत्र में 50-50 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी है जो गतिरोध की गंभीरता को परिलक्षित करता है।

गतिरोध को दूर करने के लिये दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

सिंह ने कहा, “सुधारों के मार्ग पर आगे बढ़ रही सेना को हर सुविधा देने और सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में मदद के लिये रक्षा मंत्रालय प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।”

सेना की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से देश की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों का बल ने सफलतापूर्वक समाधान दिया है।

उन्होंने कहा, “चाहे वह आतंकवाद की समस्या हो, उग्रवाद या बाहरी आक्रमण, सेना ने उन खतरों को नाकाम करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।”

भाषा

प्रशांत देवेंद्र

देवेंद्र

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