Dhurandhar Review : रहमान डकैत हीरो, चौधरी असलम बुज़दिल!’ फिल्म में दिखाया केवल 25% सच, ‘Dhurandhar’ देखकर क्या बोले पाकिस्तानी?

पाकिस्तान में ‘Dhurandhar’ को लेकर मिक्स्ड रिव्यू मिले; स्थानीय लोगों ने कहा कि फिल्म में केवल 25% सच दिखाया गया और रहमान डकैत को हीरो, चौधरी असलम को बुज़दिल दिखाया गया।

Dhurandhar Review : रहमान डकैत हीरो, चौधरी असलम बुज़दिल!’ फिल्म में दिखाया केवल 25% सच, ‘Dhurandhar’ देखकर क्या बोले पाकिस्तानी?

Dhurandhar Review / Image Source : SOCIAL MEDIA

Modified Date: December 14, 2025 / 01:00 pm IST
Published Date: December 14, 2025 1:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पाकिस्तान में ‘Dhurandhar’ को लेकर मिक्स्ड रिव्यू।
  • रहमान डकैत हमारे हीरो थे” पाकिस्तानियों का कहना है कि फिल्म में उन्हें दहशतगर्द दिखाया गया, जो हकीकत से मेल नहीं खाता।
  • पाकिस्तानियों का मानना है कि ज्यादातर घटनाएं और चरित्रों का चित्रण फिल्मी ढंग से बदल दिया गया।

Pakistan Reaction on Dhurandhar: अद्वितीय धार द्वारा निर्देशित 5 दिसंबर को रिलीज़ हुई रणवीर सिंह और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘धुरंधर’ पूरे देश में धूम मचा रही है। दुनियाभर में फिल्म अपना दबदबा बनाए हुए है। भारत में लोग फिल्म को अपने जेहन से निकाल नहीं पा रहे हैं। फिल्म के हर सीन में अक्षय खन्ना को रहमान डकैत के रूप में देखकर लोग हर एक सीन में खूब तालियाँ और सीटियाँ बजा रहे हैं। हालांकि, ऐसा हाल पाकिस्तान में नहीं है। वहां लोगों ने ‘धुरंधर’ को मिक्स्ड रिव्यू दिए हैं।

‘धुरंधर’ में केवल 25% सच ही दिखाया गया है

समाचार एजेंसी एएनआई ने खासतौर पर कराची के ल्यारी इलाके के लोगों से उनका रिव्यू लिया। एक पाकिस्तानी ने कहा कि, “ल्यारी में डकैत जैसा कुछ नहीं है। ‘धुरंधर’ में केवल 25% सच ही दिखाया गया है। हम रहमान डकैत को खान भाई या रहमान बलूच कहकर बुलाते थे। वो ल्यारी वालों के लिए अच्छा था। यहां के लोग उनके बारे में अच्छा ही बोलेंगे। वो जो करता था, ल्यारी से बाहर करता था।”

रहमान डकैत नहीं थे, वो भाई थे

उसने आगे एसपी चौधरी असलम के किरदार पर निराशा जताई और कहा कि, धुरंधर में उसे हीरो की तरह दिखाया गया है। उसे ओवरहाइप किया गया है। ऐसा ही कुछ एक अन्य पाकिस्तानी ने भी कहा उसने साफ कहा कि, “चौधरी असलम बिल्कुल भी निडर नहीं थे। वो एक बुजदिल पुलिसवाला था। फिल्म में 8 दिन की जंग दिखाई ही नहीं। चौधरी असलम चील चौक के साइड खड़े थे, ल्यारी के अंदर तो एंट्री मार ही नहीं पाए। ल्यारी के अन्य शख्स ने कहा कि, “रहमान डकैत नहीं थे, वो भाई थे। एक ने रहमान डकैत की तारीफ करते हुए कहा कि, “जैसा ‘धुरंधर’ में उन्हें दहशतगर्द दिखाया गया है, वो वैसे नहीं थे। वो अच्छों के लिए अच्छे और बुरे के लिए बुरे थे।”

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I’m Sneha Singh, a journalist and storyteller passionate about meaningful, ethical, and impact-driven reporting. Awarded the Gold Medal in Journalism & Mass Communication, I bring clarity, curiosity, and credibility to every story I pursue. I currently work at IBC24, specializing in content writing, production, and modern storytelling that effectively connects information with people.