राज्य में औद्योगिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी: ममता
राज्य में औद्योगिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी: ममता
कोलकाता, तीन मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि सरकार राज्य में औद्योगिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी और ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।
फरवरी में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के बाद उद्योगपतियों के साथ बैठक के बाद ममता ने कहा, ‘‘कौशल उपलब्धता और प्रतिभा पूल के मामले में बंगाल नंबर एक है। हम आईटी और लघु एवं मध्यम उद्योगों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में परियोजना निष्पादन में किसी भी तरह की ढिलाई और देरी बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत बड़ी संभावना है। कई सरकारी विभाग परियोजना फाइलों पर बैठे रहते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को खुद परियोजनाओं का अध्ययन करना चाहिए और इसे निचले स्तर के अधिकारियों पर नहीं छोड़ना चाहिए।’’
ममता ने समाधान निकालने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘लालफीताशाही नौकरशाही को बदलने की जरूरत है। अब समय बदल गया है। रोजगार सृजन करना होगा। शीघ्र और समयबद्ध समाधान समय की मांग है। इसके लिए विभागीय समन्वय की आवश्यकता है। मिलजुलकर काम करने से समाधान निकालने में मदद मिलेगी। पर्यावरण से संबंधित मंजूरी मिलने में किसी तरह की लापरवाही या देरी नहीं होनी चाहिए। सभी मंजूरी एक महीने में मिल जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी की जानी चाहिए और यह पता लगाने का प्रयास किया जाना चाहिए कि वे कहां अटकी हुई हैं। बनर्जी ने जोर देते हुए कहा, ‘इसे सभी को देखना होगा और तेजी से क्रियान्वयन की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्य सचिव से आवेदनों की वास्तविक समय ट्रैकिंग शुरू करने का आग्रह करती हूं। उन्हें हर पखवाड़े इसकी निगरानी करनी चाहिए। इच्छुक उद्योग प्रमुख भी पूर्व सूचना देकर इस प्रयास में शामिल हो सकते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि स्थानीय नेताओं द्वारा कोई समस्या उत्पन्न की जाती है, तो प्रभावित व्यक्ति सरकार के पास शिकायत दर्ज करा सकता है।’’
ममता ने यह भी उल्लेख किया कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा छंटनी के लिए राज्य श्रम विभाग के साथ बातचीत करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी देखा जाना चाहिए कि कोई व्यक्तिगत हित न हो।’’
उन्होंने कहा कि सरकार छह आर्थिक गलियारे स्थापित करने की प्रक्रिया में है जो राज्य के सभी जिलों को कवर करेंगे, जिसके लिए 3,000 एकड़ जमीन की पहचान पहले ही कर ली गई है।
ममता ने जोर देकर कहा, ‘कोई भी जमीन बेकार नहीं छोड़ी जानी चाहिए या जबरन नहीं छीनी जानी चाहिए, और सरकारी सचिवों को इस पर गौर करना होगा।’
उन्होंने उद्योग की ओर से भूमि की मांग को भी स्वीकार किया और कहा कि पांच स्टील प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसमें 35,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है और इससे 50,000 लोगों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है।
उन्होंने कहा कि विस्तार के लिए तैयार अन्य परियोजनाओं में अंबुजा सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट, एस्सार ऑयल एंड गैस, गोदरेज प्रॉपर्टीज आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन स्टील ने 170 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
ममता ने कहा, ‘‘कोई भी ऐसा बिल्डिंग प्लान मंजूर नहीं किया जाना चाहिए, जो गरीबों को कॉलोनियों से बेदखल करने की अनुमति देता हो। गरीब और अमीर दोनों को आश्रय का अधिकार है।’’
भाषा रंजन नरेश
नरेश

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