दिल्ली: प्रतिबंधित नेवले के बालों के ब्रश रखने के मामले में स्कूल प्रभारी के खिलाफ मामला खारिज

दिल्ली: प्रतिबंधित नेवले के बालों के ब्रश रखने के मामले में स्कूल प्रभारी के खिलाफ मामला खारिज

दिल्ली: प्रतिबंधित नेवले के बालों के ब्रश रखने के मामले में स्कूल प्रभारी के खिलाफ मामला खारिज
Modified Date: December 7, 2025 / 08:20 pm IST
Published Date: December 7, 2025 8:20 pm IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के कथित उल्लंघन के मामले में दर्ज शिकायत को खारिज कर दिया है। व्यक्ति कथित तौर पर एक स्कूल के प्रबंधन का प्रभारी था जहां 2013 में छापेमारी के दौरान स्कूल की जीवविज्ञान प्रयोगशाला से नेवले के बालों से बने सात ब्रश बरामद किए गए थे।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा आरोपी दीपेश गुप्ता के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। गुप्ता पर यहां लक्ष्मी नगर स्थित बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए प्रतिबंधित वन्यजीव सामग्री (ब्रश) रखने का मामला दर्ज किया गया था।

याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सुमित वर्मा ने कहा कि शिकायत स्कूल के कथित प्रभारी के खिलाफ दर्ज की गई थी लेकिन स्कूल या सोसायटी के खिलाफ नहीं, जो वन्यजीव अधिनियम के अनिवार्य प्रावधानों का उल्लंघन था।

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अदालत ने एक दिसंबर के अपने आदेश में वर्मा की इस दलील पर गौर किया कि नेवले के बालों से बनी ब्रशों की खेपें सितंबर 2002 में इसे वन्यजीव अधिनियम के तहत प्रतिबंधित प्रजाति घोषित करने से पहले खरीदी गई थीं। आदेश शनिवार को शुद्धिपत्र के साथ उपलब्ध कराया गया।

आदेश में कहा गया है कि हालांकि ये ब्रश उस समय प्राप्त किए गए थे जब पशु या उससे संबंधित वस्तुओं को रखना कानूनी रूप से प्रतिबंधित नहीं था। हालांकि, स्कूल वन्यजीव अधिनियम के अनुसार प्रतिबंधित वस्तुओं के वैध कब्जे के बारे में खुलासा या घोषणा करने में विफल रहा।

अदालत ने कहा कि शिकायत विचारणीय है क्योंकि इसमें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा हुआ है।

अपील को स्वीकार करते हुए अदालत ने गुप्ता के खिलाफ शिकायत और प्राथमिकी रद्द कर दी।

भाषा सुरभि प्रशांत

प्रशांत


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