दिल्ली : बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में बीएसएफ के पूर्व कर्मी को 10 साल की सजा

दिल्ली : बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में बीएसएफ के पूर्व कर्मी को 10 साल की सजा

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  • Publish Date - November 14, 2025 / 10:16 PM IST,
    Updated On - November 14, 2025 / 10:16 PM IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पांच साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक पूर्व हेड कांस्टेबल को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।

अदालत ने कहा कि यह अपराध हिंसक शोषण का एक गंभीर रूप है। यह मामला वर्ष 2016 का है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने आरोपी के खिलाफ सजा पर बहस के दौरान यह बात कही। आरोपी को पहले ही अपहरण और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया जा चुका था।

विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार बिश्नोई ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है, क्योंकि बच्ची की मासूमियत और लाचारी का फायदा उठाने का कृत्य उसकी दुष्ट मानसिकता को दर्शाता है।

अदालत ने 10 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि इस तरह के आचरण की कड़ी निंदा की जानी चाहिए तथा पीड़ितों की गरिमा को बनाए रखने तथा उन्हें इसी तरह के हिंसक व्यवहार से बचाने के लिए उचित दंडात्मक परिणाम होने चाहिए।

अदालत ने कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता को देखते हुए समाज के सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि के लिए कठोर न्यायिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।’’

इसके बाद अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत 10 वर्ष कारावास तथा अपहरण के अपराध के लिए पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने पीड़ित बच्ची को 7.75 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का भी आदेश दिया।

भाषा रवि कांत रवि कांत अविनाश

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