रोग-वार नीतियां बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 260 ‘मोहल्ला क्लीनिक’ को दिए टैबलेट

रोग-वार नीतियां बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 260 ‘मोहल्ला क्लीनिक’ को दिए टैबलेट

रोग-वार नीतियां बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने 260 ‘मोहल्ला क्लीनिक’ को दिए टैबलेट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: June 24, 2022 10:25 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) रोग-वार नीतियां तैयार करने और चिकित्सकों को आने वाले मरीजों की संख्या में हेराफेरी करने से रोकने लिए दिल्ली सरकार ने अपने लगभग आधे ‘मोहल्ला क्लिनिक’ को टैबलेट प्रदान किए हैं।

शहर में 519 मोहल्ला क्लीनिक हैं जो मरीजों को 212 विभिन्न प्रकार के परीक्षणों सहित मुफ्त प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन क्लीनिक में प्रतिदिन 60,000 से अधिक लोगों का इलाज किया जाता है।

आंकड़ों के मुताबिक मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत चिकित्सकों सहित कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन-सुविधा आने वाले मरीजों की संख्या पर निर्भर करती है।

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अधिकारियों के अनुसार लगभग 260 मोहल्ला क्लीनिक को टैबलेट दिए गए हैं और शेष क्लीनिक को भी इसे उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रत्येक क्लिनिक में तीन टैबलेट होंगे और चिकित्सक, नर्स और फार्मासिस्ट उनके माध्यम से ही काम करेंगे। शेष क्लीनिक में इन टैबलेट को सक्रिय करने में हमें एक महीने का समय लगेगा।’’

मोहल्ला क्लीनिक को डिजिटल बनाने के प्रयासों के पीछे का कारण बताते हुए अधिकारी ने कहा कि टैबलेट प्रत्येक व्यक्ति के काम करने में लगने वाले समय को कम करने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी प्रक्रियाएं अब डिजिटल होंगी, और इससे आंकड़ों का विश्लेषण करके रोग-वार नीतियां तैयार की जा सकती हैं। हम क्लिनिक में आने वाले मरीजों की सटीक संख्या भी जानेंगे क्योंकि सभी डेटा डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगे।’’

अधिकारी के मुताबिक चिकित्सकों द्वारा मरीजों की संख्या में हेराफेरी करने की कोई गुंजाइश नहीं होगी। अधिकारी ने कहा कि टैबलेट के कुछ अन्य छोटे फायदे यह हैं कि गलत परीक्षण परिणाम लिखने वाले चिकित्सकों और नर्सों की संख्या को कम किया जा सकता है।

अधिकारी ने कहा कि टैबलेट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पिछले एक साल से अधिक समय से चल रही है, जिन क्लीनिक को उपकरण नहीं मिले हैं, वहां इंटरनेट सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इस महीने की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि शहर में किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए एक मोहल्ला क्लिनिक सबसे पहला बिंदु है। उन्होंने कहा था, ‘‘डिजिटलीकरण के बाद दिल्ली के लोगों को प्रभावित करने से पहले किसी भी बीमारी का आकलन करने के लिए यहां के आंकड़ों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा इस तरह के आंकड़े स्वास्थ्य संबंधी नीतियों के विकास में महत्वपूर्ण होंगे।’

अधिकारियों के अनुसार दिल्ली सरकार सभी निवासियों को विश्व स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में 100 और मोहल्ला क्लीनिक खोलने की प्रक्रिया में है।

भाषा संतोष नरेश

नरेश


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