दिल्ली सरकार शहर में भारी वाहनों की आवाजाही के लिए नियामक उपाय करे: न्यायालय
दिल्ली सरकार शहर में भारी वाहनों की आवाजाही के लिए नियामक उपाय करे: न्यायालय
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 2006 में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अपील का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें माल को लादने और उतारने के लिए बाहरी रिंग रोड के अंदर ट्रकों की आवाजाही पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था।
पीठ ने कहा, ‘‘विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) का निपटारा किया जाता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली की सरकार शहर में भारी वाहनों की आवाजाही को विनियमित करने के लिए आवश्यक उपाय नहीं करेगी। इस संबंध में, यदि अब तक कोई नियामक उपाय नहीं किए गए हैं, तो राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी…।’
पीट ने इस पर भी गौर किया कि शीर्ष अदालत ने ‘दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन’ की याचिका पर 2006 में ही ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि प्रतिबंध के कारण शहर में व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी और मुख्य याचिका का निपटारा दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2009 में कर दिया था।
भाषा
संतोष सुरेश
सुरेश

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