अदालत ने जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले को बंद करने की सीबीआई को अनुमति दी

अदालत ने जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले को बंद करने की सीबीआई को अनुमति दी

अदालत ने जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले को बंद करने की सीबीआई को अनुमति दी
Modified Date: June 30, 2025 / 04:07 pm IST
Published Date: June 30, 2025 4:07 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले को बंद करने की सोमवार को अनुमति दे दी। वह 15 अक्टूबर 2016 को लापता हो गया था।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने एजेंसी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार कर लिया, तथा इस प्रकरण में कोई साक्ष्य सामने आने पर मामले को पुनः खोलने की स्वतंत्रता भी प्रदान की।

सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में मामले की जांच बंद कर दी थी, क्योंकि जेएनयू में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्र अहमद का पता लगाने में एजेंसी को कोई कामयाबी नहीं मिली।

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दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद एजेंसी ने मामले में अदालत के समक्ष अपनी ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की।

अहमद कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हुई झड़प के एक दिन बाद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हो गया था।

अहमद की मां फातिमा नफीस के वकील ने पहले कहा था कि यह एक ‘राजनीतिक मामला’ है, जिसमें ‘सीबीआई अपने आकाओं के दबाव के आगे झुक गई है।’

इस मामले की जांच शुरू में दिल्ली पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप


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