दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष को चिकित्सा जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति दी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष को चिकित्सा जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति दी
नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई. अबुबकर को खराब स्वास्थ्य के आधार पर दायर जमानत याचिका वापस लेने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ ने 70 वर्षीय अबुबकर को राहत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी।
पीएफआई नेता की ओर से पेश वकील अदित पुजारी ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा पहले ही मामले में आरोपपत्र दाखिल किए जाने का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय से याचिका वापस लेने और निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता देने का अनुरोध किया।
याचिका वापस लेने और निचली अदालत का रुख करने की अनुमति देते हुए अदालत ने कहा, ‘‘हमने इस मामले पर कोई राय व्यक्त नहीं की है।’’
सुनवाई के दौरान, एनआईए के वकील ने कहा कि अबुबकर को केवल चिकित्सा आधार पर रिहा नहीं किया जा सकता है और ‘‘गुण-दोष पर बहस होनी चाहिए।’’
अबुबकर को पिछले साल पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।
पिछले साल अबुबकर ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दायर कर निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे चिकित्सा आधार पर रिहा करने से इनकार कर दिया गया था।
अबुबकर के वकील ने पूर्व में कहा था कि याचिकाकर्ता को कैंसर है और वह पार्किंसंस रोग से भी पीड़ित है तथा उन्हें तत्काल चिकित्सा निगरानी की आवश्यकता है।
भाषा शफीक मनीषा
मनीषा

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