उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को दिया संपत्ति मामले में दुरईमुरुगन के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश |

उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को दिया संपत्ति मामले में दुरईमुरुगन के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश

उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को दिया संपत्ति मामले में दुरईमुरुगन के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश

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Modified Date: April 23, 2025 / 02:27 PM IST
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Published Date: April 23, 2025 2:27 pm IST

चेन्नई, 23 अप्रैल (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने वेल्लोर जिले की एक विशेष अदालत को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति मामले में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के महासचिव दुरईमुरुगन तथा उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कानून के अनुरूप आरोप तय करने का बुधवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार करते हुए यह निर्देश दिया। याचिकाओं में वेल्लोर की एक विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें दुरईमुरुगन और उनके परिवार के सदस्यों को मामले से बरी कर दिया गया था।

न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि इस मामले में जांच अवधि 1996 से 2001 के बीच थी, इसलिए विशेष अदालत को निर्देश दिया जाता है कि वह दैनिक आधार पर सुनवाई करके छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करे।

मामले के अनुसार दुरईमुरुगन ने अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर 3.92 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी। यह संपत्ति तब खरीदी गई जब 1996 से 2001 के बीच वह लोक निर्माण मंत्री थे।

वेल्लोर की विशेष अदालत ने 23 फरवरी, 2007 को दुरईमुरुगन, उनकी पत्नी डी. संथाकुमारी, उनके भाई दुरई सिंगाराम, उनके बेटे डी. एम. कथिर आनंद, जो अब वेल्लोर से लोकसभा सदस्य हैं, तथा उनकी पुत्रवधू के. संगीता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज 2002 के मामले से बरी कर दिया था।

इस आदेश को चुनौती देते हुए डीवीएसी ने मार्च 2012 में वर्तमान पुनरीक्षण याचिकाएं दायर कीं। इसे स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति वेलमुरुगन ने उपरोक्त निर्देश दिए।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा

 

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