दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में पीएफआई सदस्यों को जमानत दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में पीएफआई सदस्यों को जमानत दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में पीएफआई सदस्यों को जमानत दी
Modified Date: December 4, 2024 / 07:14 pm IST
Published Date: December 4, 2024 7:14 pm IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) की दिल्ली इकाई के तीन सदस्यों को अवैध गतिविधियों के लिए धन एकत्र करने से जुड़े कथित धन शोधन मामले में जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत को राहत देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध नहीं बनता है।

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने इस मामले में सही दलील दी है कि धन एकत्र अपराध से पहले किया जाता है यानी दिल्ली दंगे से पहले।अपराध की आय आपराधिक गतिविधि (तय अपराध) के परिणामस्वरूप उत्पन्न होनी चाहिए। भविष्य में अपराध करने के लिए अवैध तरीके से धन एकत्र करना पीएमएलए के तहत धन शोधन का अपराध नहीं है।’’

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जमानत पर रिहाई का आदेश देते हुए, अदालत ने कहा, ‘‘धारा 45 की दो शर्तें पूरी हो गई हैं। ईडी के विशेष वकील को जमानत आवेदनों का विरोध करने का अवसर दिया गया है। प्रथम दृष्टया, हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ धन शोधन का अपराध नहीं बनता है।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सितंबर 2022 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत पीएफआई और उसके सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह मामला दर्ज किया था।

भाषा

शफीक पवनेश

पवनेश


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