दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - September 18, 2021 / 07:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह ”खराब चरित्र” वाला व्यक्ति है और उस व्यक्ति को धमकी दिए जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता, जिसका हमले के बाद जबड़ा टूट गया था।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि उस चाकू की बरामदगी के लिए उसे हिरासत में लिये जाने की आवश्यकता है, जिससे उसने शिकायतकर्ता को घायल किया था। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी आजाद सिंह के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और वह पिछले साल सितंबर से गिरफ्तारी से बच रहा है और अगर उसे अग्रिम जमानत दी जाती है तो उसके फरार होने की आशंका है।

न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा, ”(यह देखते हुए) कि याचिकाकर्ता अपने क्षेत्र में ‘बुरे चरित्र’ वाला व्यक्ति है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को धमकी देने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने कहा कि हमले में शिकायतकर्ता का जबड़ा टूट गया था। न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा, ”तथ्य यह है कि चोट की प्रकृति, याचिकाकर्ता का रिकॉर्ड और उसके भागने की आशंका… ये सभी जमानत देने या न देने के प्रासंगिक कारक हैं। यह अदालत याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने के पक्ष में नहीं है।”

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि पिछले साल सितंबर में सिंह ने उसके पैरों पर चाकू से वार किया था और चाकू के पिछले हिस्से से उसके चेहरे पर कई वार किये थे।

मेडिकल रिकॉर्ड में कहा गया है कि शिकायतकर्ता जबड़े में दर्द और सूजन के कारण बोल नहीं पा रहा था।

इस मामले में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, आपराधिक धमकी देना और खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना शामिल है।

अभियोजन पक्ष ने सिंह को इस आधार पर गिरफ्तारी से पहले जमानत देने का विरोध किया कि उसके खिलाफ 24 मामले दर्ज होने के कारण उसे ”क्षेत्र का बुरे चरित्र वाला” व्यक्ति घोषित किया गया है।

अदालत को बताया गया कि सिंह को महीने में एक बार थाने आना था, लेकिन घटना के बाद से वह फरार है।

सिंह ने इस आधार पर गिरफ्तारी से राहत का अनुरोध किया कि उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले ही जांच में शामिल हो चुका है।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश